जयपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थितियों के दौर में छात्रों एवं अभिभावकों को राहत पहुंचाने के लिए विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में शुल्क नियंत्रण एवं पूर्व में तय शुल्क में छूट देने हेतु शुल्क निर्धारण समिति की गठन की मांग की है।
परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने वक्तव्य जारी कर कहा कि तालाबंदी के कारण देश भर में अनेक परिवारों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अभाविप शिक्षण संस्थाओं से यह मांग करती है कि अभिभावकों को शुल्क किश्तों में जमा कराने का विकल्प उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा कि परिषद निजी शिक्षण संस्थाओं को सुचारू रूप से चलने, प्राध्यापक एवं सहयोगी स्टाफ़ के वेतन इत्यादि हेतु धन की आवश्यकता को समझती है। लेकिन आज की परिस्थितियों को देखते हुए सभी प्रदेश सरकारें एवं शिक्षण संस्थाओं को विद्यार्थी हितों को प्राथमिकता देते हुए इस परिस्थिति में प्रत्येक पाठ्यक्रम का शुल्क इस वर्ष नये सिरे से निर्धारण करने की आवश्यकता प्रतीत होती है।
राष्ट्रीय महामंत्री त्रिपाठी ने कहा कि इन परिस्थितियों में भी मीडिया में लगातार शिक्षण संस्थाओं द्वारा कहीं शुल्क वृद्धि तो कहीं शुल्क वसूली के लिए अभिभावकों और छात्रों को प्रताड़ित करने के समाचार आ रहे हैं।
ऐसे में सरकार को हस्तक्षेप करते हुए शुल्क वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए एक कमेटी गठित करनी चाहिए, साथ ही अभिभावकों को शुल्क जमा कराने के लिए विकल्प उपलब्ध कराते हुए ध्यान इस पर केंद्रित होना चाहिए कि इन परिस्थितियों में संसाधनों की कमी से कोई भी छात्र पठन-पाठन से वंचित न रह जाए।