सबगुरु न्यूज-जालोर। जालोर पंचायत समिति में नरेगा के तहत वर्ष 2013-14 में कार्यस्थलों पर लगाए जाने वाले लोहे के बोर्ड और फ्लेक्स रोलर बोर्ड क्रय के मामले में करीब 59 लाख के गबन प्रकरण का चालान पाली स्थिति भ्रष्टाचार निरोधक के विशिष्ट न्यायालय में पेश किया गया।
प्रकरण में तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी, लेखा सहायक व अजमेर की ठेकेदार फर्म के ठेकेदार को न्यायालय में पेश किया। जहां कार्यक्रम अधिकारी और ठेकेदार को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया और लेखा सहायक को जमानत दी गई।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जालोर के डीएसपी अनराज पुरोहित ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत मिली थी कि जालोर पंचायत समिति में नरेगा के तहत कार्यस्थल पर लगाए जाने वालेे लोहे के बोर्ड और रोलर बोर्ड का ठेका दिया गया था।
इस प्रकरण में माल की सप्लाई हुए बिना ही अजमेर की ठेकेदार फर्म गंगा आर्ट एंड जनरल सप्लायर्स को भुगतान कर दिया गया। शिकायत मिलने पर जालोर एसीबी के तत्कालीन डीएसपी राजेन्द्र सिंह ने 27 जुलाई 2013 को जालोर पंचायत समिति का आकस्मिक निरीक्षण करके उक्त ठेके के दस्तावेज जब्त किए गए। जांच के दौरान यह सामने आया कि पंचायत समिति को ठेकेदार फर्म ने लोहे के बोर्ड और रोलर बोर्ड की सप्लाई नहीं की।
इस पर भी फर्म को करीब 59 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। जांच के बाद तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी भगाराम चौधरी, लेखा सहायक सोमेश्वर पुरी तथा अजमेर की ठेकेदार फर्म के प्रोपराइटर हरिद्वार जोशी के खिलाफ दस्तावेज में कूटरचना करके सरकार को 58 लाख 90 हजार 192 रुपये की अनुचित आर्थिक हानि पहुंचाने का प्रकरण दर्ज किया गया।
जांच के बाद 20 मई को पाली में विशिष्ट न्यायालय भ्रष्टाचार निरोधक के समक्ष चालान पेश किया गया। न्यायालय ने भगाराम चौधरी व हरिद्वार जोशी को जेल भेजने के आदेश दिए वहीं लेखा सहायक को जमानत पर रिहा किया गया।