अलवर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अलवर के विद्युत वितरण निगम के सहायक अभियन्ता रमेश मीणा को आज एक लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
ब्यूरो के अतिरक्त पुलिस अधीक्षक सलहै मोहम्मद ने बताया कि परिवादी जयपुर में प्रतापनगर के रहने वाले देवीसिंह द्वारा प्रस्तुत शिकायत में कहा कि उसकी फर्म को शाहजहांपुर स्थित रीको कम्पनी में एलटी लाइन के स्थान पर अंडर ग्राउंड लाइन डालने का ठेका तीन जनवरी 2017 को मिला था। इस कार्य का सुपरविजन विद्युत विभाग को करना था। इसके लिए रीको कंपनी ने अप्रैल 2017 में ही 54 लाख रुपए विद्युत विभाग को जमा करा दिए।
शिकायत में बताया कि उसकी फर्म ने जुलाई 2017 में ही काम को पूरा कर दिया। एलटी लाइन को शटडाउन कर अंडर ग्राउंड लाइन की चेकिंग करने का कार्य विद्युत विभाग द्वारा किया जाना था लेकिन विगत एक वर्ष से यह कार्य विद्युत विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे थे। परिवादी की फर्म को एनओसी देने की एवज में आरोपी द्वारा एक लाख रुपये की मांग की जा रही थी।
विद्युत वितरण विभाग द्वारा बिजली लाइन की एनओसी नहीं के कारण परिवादी देवी सिंह का रीको की तरफ से करीब एक करोड़ रुपए बकाया था। एनओसी लेने के लिए देवी सिंह बार बार चक्कर लगा रहा था। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया जो सही पाया गया।
आरोपी सहायक अभियंता रमेश मीणा कल बुधवार को मौके पर पहुंचे और कई कमियां निकालते हुए कहा कि कल एक लाख रुपए ले आना। ब्यूरो ने परिवादी को आज एक लाख रुपए देकर नीमराना स्थित उनके कार्यालय भेजा।
आराेपी के राशि लेते ही ब्यूरो टीम ने उसे दबोच लिया एवं टेबिल से रुपयों से भरा लिफाफा बरामद कर लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की जा रही हैं।