सिरोही। पिंडवाड़ा तहसीलदार कल्पेश जैन एक ऐसे अधिकारी के रूप में जाने जाएंगे जिन्होंने शायद कोर्ट से स्टे इसलिए लिया था कि उन्हें अपनी फजीहत करवानी थी। वरना तमाम विवादों के बावजूद राज्य सरकार ने तो उसे इज्जत से यहां से हटा दिया था।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पिंडवाड़ा तहसीलदार के मातहत राजस्व निरीक्षक को ट्रेप करने के बाद उसके कार्यालय पर कार्रवाई की थी। तहसीलदार ने भी अपने आपको घर में बन्द कर दिया। एसीबी एएसपी ने बताया कि घर का दरवाजा बंद करके किचन में गैस पर रुपए जलाने लगा। लेकिन, कई घण्टे की नौटंकी के बाद एसीबी ने उसे धर दबोचा।
पिंडवाड़ा तहसीलदार कल्पेश जैन करीब एक साल पहले यहां आया था। उसके बाद से लगातार ये विवादों में रहे। कभी वकीलों से तो कभी मातहत काम करने वाले पटवारियों से विवाद आम था। पटवारियों ने तो बाकायदा इनके खिलाफ असहयोग आंदोलन तक चला दिया था।
दिसम्बर में वकीलों ने पिंडवाड़ा थाने में इसके भ्रष्टाचार को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई थी और कलेक्टर की ज्ञापन दिया था कि इसे हटाया जाए। भ्रष्टाचार को लेकर कई शिकायतों के बाद भी पिंडवाड़ा तहसीलदार को यहां से कोई टस से मस नहीं कर पाया तो उसके पीछे प्रमुख वजह उसकी राजनीतिक रसूख को बताया जा रहा है।
कल्पेश जैन को लेकर पिंडवाड़ा तहसील की सत्ताधारी पार्टी दो खेमों में बंटी हुई बताई जा रही थी। एक पक्ष इसे यहां रखने में रुचिकर था तो दूसरा उसे हटाने में। उसे हटाने में रुचिकर पक्ष ने करीब 7 जनवरी को उसे एपीओ भी करवा दिया था। लेकिन, जिसे इस कुर्सी पर मजा आ गया हो वो भला हिले कैसे? वो 12 जनवरी को न्यायालय से स्टे लेकर फिर यहां आ जमा और फिर लोगों को निचोड़ना शुरू कर दिया।
न्यायालय से स्टे लेकर फिर से कार्यभार ग्रहण करने पर कुछ लोगों ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत भी किया था। ढोल भी बजाया था। अंततः दुखी और पीड़ित लोगों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का दरवाजा खटखटाया और तहसीलदार के मातहत राजस्व निरीक्षक के माध्यम से तहसीलदार तक एसीबी पहुंच गई और तहसीलदार के फिर आगमन पर उनके समर्थन में बज रहा ढोल फट गया।
आंवल छाल के ठेके को लेकर मांगी थी रिश्वत
जानकारी के अनुसार पिंडवाड़ा तहसील में कार्यरत राजस्व निरीक्षक से होते हुए एसीबी का पिंडवाड़ा तहसीलदार तक पहुंचने के पीछे की वजह आंवल का ठेका था। पाली जिले के एक ठेकेदार के नाम से ठेका खोलने को लेकर 5 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड हुई थी। वेरिफिकेशन के बाद इसकी अग्रिम राशि 23 मार्च को दोपहर तहसीलदार के मातहत राजस्व निरीक्षक परबतसिंह को पाली एएसपी के नेतृत्व मे एसीबी टीम ने उसके कार्यालय के पास एक लाख रुपए की रिश्वत के साथ पकड़ा था।
पूछताछ में इसका तहसीलदार कनेक्शन मिला तो एसीबी दल पिंडवाड़ा में तहसीलदार कल्पेश जैन के घर पर पहुंचे तो शायद उन्हें सूचना मिल गई थी और उसने खुद को घर में बन्द कर दिया। काफी लंबे समय तक तहसीलदार के घर को खुलवाने की कोशिश करते रहे। इस बीच तहसीलदार ने अपने घर में गैस चूल्हे पर कागज जलाने शुरू कर दिए। बताया जा रहा है कि ये नकदी है।
एसीबी पाली के एएसपी नरपतचंद ने बताया कि ये करीब 15 लाख के आसपास होने की जानकारी दी है। खिड़की से एसीबी के कार्मिक इसकी वीडियो बनाते रहे। तहसीलदार कभी हाथ लगाकर तो कभी कपड़ा लगाकर उन्हें वीडियो बनाने से रोकते रहे। कई घण्टों चली जद्दोजहद के बाद आखिरकार एसीबी ने तहसीलदार के घर का दरवाजा काट दिया और अंदर प्रवेश किया। घर से करीब डेढ़ लाख रुपए नकद, जेवर, कई बैंक खाते, लॉकर और पोस्ट आफिस में अकाउंट मिले हैं।