कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने हड़ताली जूनियर डाक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं और उन्हें काम पर लौट आना चाहिए।
बनर्जी ने यहां नबन्ना में पत्रकारों से कहा कि हमने उनकी सभी मांगें मान ली हैं और मैंने अपने मंत्रियों और प्रधान सचिव को डाक्टरों से मिलने के लिए भेजा था जिन्हाेंने कल और आज डाक्टरों से मिलने के लिए पांच घंटों तक इंतजार किया लेकिन वे नहीं आए। आपको संवैधानिक निकायों का सम्मान करना है।
उन्होंने चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि डाक्टरों पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण है और राज्य सरकार सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। निजी अस्पताल में जो जूनियर डाक्टर भर्ती है, उसके उपचार पर आने वाला सारा खर्च राज्य सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है।
बनर्जी ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के पिछले दो दिनों के बयानों काे लेकर कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें देश के शेष हिस्सों के बारे में चिंता करनी चाहिए। मख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य सरकार का विषय है, ओ के।
बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार डाक्टरों की मांगों को लेकर उदार थी औैर उन्होंने हड़ताली चिकित्सकों को सुरक्षा तथा सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हड़ताली डाक्टरों से मिलने के लिए सभी कार्यक्रमों को टाला लेकिन चिकित्सकों ने दुर्व्यव्हार किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों ने हड़ताली चिकित्सकों को धमकाने के लिए आवश्यक सेवा रखरखाव कानून को लागू कर दिया लेकिन मैं लोकतंत्र में विश्वास करती हूं और इसी वजह से मैंने एस्मा नहीं लगाया। मुझे यह भी जानकारी मिली है कि मौजूदा आंदोलन कोई अकेला मामला नहीं है और विभिन्न सरकारों ने हड़ताली चिकित्सकों के खिलाफ गंभीर कदम उठाए हैं।
बनर्जी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार डाक्टरों को निशाना नहीं बना रही है और अनेक डाक्टर इस हड़ताल के पक्ष में नहीं है लेकिन सीनियर डाक्टर आंदोलन की आड़ में उनकी सरकार को निशाना बना रहे हैं। इसके बावजूद उन्होंने पुलिस को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि हड़ताल के दौरान किसी भी डाक्टर को गिरफ्तार नहीं किया जाए।
उन्होंने कहा कि डाक्टरों की हड़ताल से गरीब लोगों को खामियाजा उठाना पड़ रहा है और राज्य के इस आंदोलन को बाहर के लोगों द्वारा हवा दी जा रही है।
इस बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय डे ने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि एनआरएस में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई है जिसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और शुरूआत में उनकी दो ही मांगे थी कि उन्हें सुरक्षा दी जाए और उस घटना के जिम्मेदार लोगों को दंड़ित किया जाए। घायल चिकित्सक की हालत में अब सुधार हो रहा है और उसके उपचार पर आने वाले सारे खर्च को राज्य सरकार वहन करेगी।