

जयपुर। वरिष्ठ पत्रकार सन्नी आत्रेय को जान से मारने के धमकी भरे फोन मामले में एसीपी मानसरोवर संजीव चौधरी को तलब किया गया है, पर राज कार्य व कानून व्यवस्था बनाए रखने में व्यस्त होने के कारण 2 से 3 महीने अंतराल में भी कमिश्नरेट के तलब करने के बाद भी एसीपी बयान देने नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसी स्थिति में क्या समझा जाए, क्या शहर की कानून व्यवस्था की सारी जिम्मेदारी संजीव चौधरी पर है, जो मात्र 5 से 7 किलोमीटर की दूरी तय करने में महीनों लगा रहे हैं।
मामला आपको बता दें मानसरोवर थाने और एसीपी कार्यालय के मध्य चल रहे अवैध गतिविधियों के बारे में वरिष्ठ पत्रकार सन्नी आत्रेय ने एक खबर दिखाई थी। उस खबर का असर भी हुआ था और कुछ समय के लिए अवांछित गतिविधियां बंद करा दी गई थी। लेकिन कुछ समय बाद फिर से न जाने किस की शह पर अवांछित गतिविधियां फिर शुरू कर दी गई। जब सन्नी आत्रेय पत्रकार को इस बाबत जानकारी मिली तो उन्होंने दूसरी खबर इस बाबत फिर से दिखाई।
दूसरी खबर के कुछ दिनों बाद ही रात 9:00 बजे के आसपास 8 दिसंबर 2020 को वरिष्ठ पत्रकार सन्नी आत्रेय के फोन पर एसीपी मानसरोवर संजीव चौधरी के नाम से जान से मारने की धमकी देने का फोन आया। जिसमें साफ तौर पर कहा जा रहा था कि जहां है वहीं खत्म हो जाएगा, गाडी चढ़ा दी जाएगी, गंतव्य स्थान ना पहुंच पाने की धमकी के साथ पत्रकार जगत को भी सुतिया पत्रकारों की श्रेणी में रखा गया। फोन पर साफ बोला गया कई सुतिया टाइप पत्रकार घूमते हैं, तू मेरी वर्किंग नहीं जानता आदि आदि।
8 दिसंबर 2020 से अब तक लगभग 4 महीने के करीब होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक मामले को जेरे जांच में रखा गया है जबकी सन्नी आत्रेय ने 8 दिसंबर की रात को ही एसीपी मानसरोवर संजीव चौधरी के ऑफिशियल व्हाट्सएप नंबर पर धमकी भरे फोन कॉल की सूचना दे दी थी।
उसके बाद वरिष्ठ पत्रकार सन्नी आत्रेय ने F.I.R. व परिवाद दायर करने के लिए संबंधित थाने को पत्र लिखा, जिसमें ऑडियो की सीडी संलग्न थी। जिसकी प्रतिलिपि राज्यपाल, गृहमंत्री,मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त और कार्मिक विभाग आदि को सलंग्न ऑडियो सीडी के साथ डाक द्वारा भिजवा दी गई थी।
आरटीई की जानकारी में आया की उपरोक्त सभी ने डीसीपी,दक्षिण को तुरंत मामले की गम्भीरता को समझते हुए दोषी पर तुरंत कार्रवाई कर हमें व परिवादी को सूचित किया जाये। आपको बता दें इस बाबत परिवादी सन्नी आत्रेय का एक महीने बाद 4 जनवरी 2021को जाँच अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त,दक्षिण द्वारा बयान लिया जा चुका है।
यह वह पत्र है जिसकी अंतिम लाइन्स में संजीव चौधरी को जांच अधिकारी द्वारा तलब किया है
Newindia khabar के सीधे सवाल उपायुक्त,दक्षिण से:
1. जैर जाँच कितने महीने और लम्बित रहेगी?
2.मानसरोवर एसीपी कार्यालय से संजीव चौधरी को कमिश्नरेट बयान देने आने के लिए कितने दिन,महीने की विशेष रियायत और दी जायेगी?
3.आज डिजिटल व तकनीकी के युग में एक नम्बर, जिससे शहर के एक नागरिक व वरिष्ठ पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी जाती है,उस नम्बर व फोन करने वाले पर कब तक कार्रवाई होगी?
4. खौफ में जी रहे पत्रकार सन्नी आत्रेय व उसके परिवार के साथ अगर कोई हादसा होता है तो सार्वजनिक करे की इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ?
5.सन्नी आत्रेय की अनुमति के बाद भी उक्त हमय की कोल डिटेल्स की जाच 4 जनवरी से अब तक क्योँ नहीँ की गयी ?
जबकि मामला धमकी भरे ऑडियो के साथ सार्वजनिक है। राज भवन व मुख्यमंत्री कार्यालय तक इसकी जानकारी है। इस बाबत पत्रकार संगठन पीरियोडिकल प्रेस ऑफ़ इंडिया द्वारा 9 जनवरी को शहीद स्मारक कमिश्नरेट पर विशाल धरना प्रदर्शन के साथ 14 फरवरी को सिविल लाइन्स फाटक तक विशाल शांति मार्च भी निकाला जा चुका है साथ ही कई बार मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया जा चुका है।
पीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र शर्मा व राजस्थान ईकाई के महासचिव भरत शर्मा ने Newindia khabar को बताया की अगर इस मामलें पर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की तो आने वाले समय सभी पत्रकार साथी व सर्व समाज मुख्यमंत्री निवास,राज भवन, आयुक्तालय व पुलिस मुख्यालय का घेराव कर अपनी गिरफ्तारी देंगे।