चंडीगढ़ । पंजाब सहकारी कृषि विकास बैंक कर्ज लौटाने में सक्षम डिफाल्टर बड़े किसानों के खिलाफ ही कार्रवाई कर रहा है। यह बैंक की रूटीन प्रक्रिया है।
यह जानकारी राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक के प्रबंध निदेशक एच.एस.सिद्धू ने कल यहां दी ।उन्होंने स्पष्ट किया है कि किसी भी डिफॉल्टर किसान की ज़मीन न तो बेची जा रही है और न ही भविष्य में बेचने का कोई प्रस्ताव है।
सिद्धू ने मीडिया के एक हिस्से में पंजाब कृषि बैंक की ओर से 12 हज़ार डिफॉल्टर किसानों की ज़मीन बेचने के बारे में प्रकाशित ख़बर का खंडन करते हुए कहा कि छह जि़लों में 12625 किसानों की ज़मीन कर्ज वापस लेने के लिये बेची जा रही है।बड़े डिफॉल्टर किसानों के खि़लाफ़ कानूनी कार्यवाही आरंभ करना बैंक की रुटीन प्रक्रिया है लेकिन इस कानूनी कार्यवाही का यह मतलब नहीं कि बैंक किसानों की ज़मीन बेच रहा है।
उन्होंने कहा कि बैंक किसानों से कर्ज वसूलने की कार्यवाही ज़रूर करता है लेकिन पहले ही परेशान किसान को कभी परेशान नहीं करता। बहुत से किसान ऐसे हैं जो कर्ज़ लौटाने की सामर्थ्य तो रखते हैं लेकिन जानबूझ कर कर्ज़ की किश्तें नहीं लौटाते।
उनके अनुसार पहली फरवरी को बैंक का 1363.87 करोड़ रुपए का कर्ज 71,432 किसानों की तरफ बकाया खड़ा है। इनमें से बैंक ने 30 जून तक 16469 किसानों से 194.74 करोड़ की रिकवरी हासिल की लेकिन एक भी किसान की ज़मीन नहीं बेची।
सिद्धू ने कहा कि बैंक रिकवरी के लिए बड़े और प्रभावशाली किसानों के खि़लाफ़ कानूनी कार्यवाही करता है । उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानूनी कार्यवाही भी पंजाब स्टेट कोओपरेटिव सोसायटीज़ एक्ट 1961 की धारा 63-सी के अंतर्गत की जाती है जिसमें बड़ी से बड़ी कार्यवाही गिरफ़्तारी वारंट जारी करना होता है।