अजमेर। विभिन्न प्राइवेट स्कूलों के प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को निजी पब्लिशर्स की महंगी कीमत वाली किताबें खरीदने को बाध्य करने वाले विभिन्न निजी स्कूलों के प्रशासन पर उचित कार्रवाई की मांग को लेकर को लेकर कांग्रेस सेवादल अजमेर के पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र अग्रवाल ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल, सीबीएसई निदेशक अनिता करवाल व राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा को पत्र लिखा है।
उन्होंने पत्र में मांग करते हुए कहा है कि सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की ओर से प्रकाशित किताबों से ही पढ़ाई कराने के निर्देश दिए जाएं। आम आदमी पहले ही कोरोना महामारी, लॉकडाउन, महंगाई, गडबडाई अर्थव्यवस्था से परेशान हैं। ऐसे में निजी विद्यालयों द्वारा बच्चों व उनके अभिभावकों पर जबरन महंगी किताबें खरीदने का दबाव अनुचित है।
एनसीईआरटी की किताबों के बजाय निजी पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किताबें खरीदने पर अभिभावकों को 10 गुना तक अधिक राशि देनी पड़ेगी क्योंकि इसमेंं निजी विद्यालयों को मोटा कमीशन मिलता है।
जब सरकारी सीबीएसई स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें अध्ययन और अध्यापन के काम में ली जाती है तो फिर निजी विद्यालयों मैं क्यों नही ली जा सकती? अग्रवाल ने पत्र में मांग की है कि निजी विद्यालयों द्वारा बच्चों व उनके अभिभावकों को मैसेज भेजकर महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए तथा ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कार्यवाही भी की जाए ताकि पहले ही आर्थिक संकट झेल रहे अभिभावकों को राहत मिल सके।