अगरतला । ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने ड्यूटी में कोताही बरतने और भ्रष्टाचार में शामिल कुछ सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्क कार्रवाई करने का फैसला लिया है।
नाथ राज्य के सरकारी विद्यालयों में अकादमिक स्थिति का जायजा लेने के लिए गत तीन दिनों से विद्यालयों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने यहां के सभी 14 शैक्षणिक संस्थानों का दौैरा किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों तथा विद्यालय प्रबंधन को कर्तव्य निर्वाहन में कोताही बरतते पाया।
उन्होंने कहा कि शिक्षक समय पर जरूरी ‘स्टूडेंट डायरी’ नहीं भर कर रहे हैं, सीखने सिखाने के सामग्रियों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और न ही समय पर विद्यालय आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ शिक्षक लंबे समय से छात्रों की सूची में अत्यधिक छात्रों का नाम डालकर मिड डे मील में धांधली करते पाए गए।
नाथ ने कहा की शहर के सभी विद्यालयों में शिक्षक अध्यधिक है इसके बावजूद विद्यालयों में अकादमिक माहौल नहीं है। शिक्षक अपनी निर्धारित कक्षाएं नहीं ले रहे हैं। बंगाली भाषा के शिक्षक को अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आगामी शैक्षणिक सत्र से प्राथमिक स्तर तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पाठ्यक्रम लागू करने जा रही है लेकिन यह तब तक कारगर साबित नहीं होगा जब तक शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा।
उन्होंने कहा की मैंने शिक्षकों को चेतावनी दी है कि अगर कोई अक्षम महसूस करता है, तो वह नौकरी छोड़ दें, हम शिक्षकों को बचाने के लिए बच्चों के भविष्य से समझौता नहीं कर सकते हैं। हम त्रिपुरा को राष्ट्रीय मानक के शिक्षा केंद्र बनाना चाहते हैं। शिक्षकों को मौजूदा समय की जरूरत के अनुसार ढलना पड़ेगा।