हैदराबाद। मुसलमानों और हिंदुओं के बीच नफरत फैलाते वाले हैदराबाद के प्रभावशाली और स्वघोषित सामाजिक एवं नागरिक अधिकार कार्यकर्ता सैयद अब्दाहु कादरी उर्फ काशफ को मंगलवार को प्रिवेंटिव डिटेंशन (पीडी) एक्ट के अंतर्गत हिरासत में लिया गया।
हैदराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद के निर्देश पर 27 वर्षीय कार्यकर्ता को 1986 पीडी एक्ट की एक्ट संख्या 1 के तहत हिरासत में लिया गया। 22/ 23 अगस्त की रात काशफ ने अपने समर्थकों के साथ हैदराबाद पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने धरना दिया और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ईशनिंदा करने वाले भाजपा के निलंबित विधायक टी राजा सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। इस घरने में शहर के हजारों मुस्लिम युवा शामिल हुए।
काशफ ने प्रदर्शनकारियों को भड़काया और नारे लगाने के लिए उकसाया जैसे ‘नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर-गुस्ताक-ए-रसूल की एक ही साजा, सर तन से जुदा’ और मुस्लिम और हिंदू समुदायों के बीच घृणा और दुर्भावना फैलाया, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
किसी भी घृणास्पद वीडियो और नारों में दंगा, हिंसा, आतंकवाद को उकसाने की क्षमता होती है। इससे लोगों के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है और उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा खतरे में आ जाते हैं, यह भाईचारे, व्यक्ति की गरिमा, राष्ट्रीय एकता और अखंडता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के अंतर्गत प्राप्त मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों ने भड़काऊ नारे लगाए, जिसके कारण हैदराबाद शहर के विभिन्न इलाकों में हिंसक घटनाओं के साथ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, एक पुलिस स्टेशन पर पथराव किया और होटल विक्रेता और निजी कैब चालक पर हमला किया।
काशफ लंबे समय से आम लोगों के बीच भय, अशांति और दहशत फैला रहा है, समाज में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को खराब करने के अलावा सार्वजनिक व्यवस्था के विरूद्ध काम कर रहा है। काशफ हैदराबाद पुलिस कमिश्नरेट में चार मामलों में अपराधी है, जिनमें से तीन मामले मुसलमानों और हिंदुओं के बीच नफरत फैलाने से संबंधित हैं।
साइबर क्राइम पुलिस, सीसीएस, डिटेक्टिव डिपार्टमेंट, हैदराबाद ने काशफ के लिए पीडी आदेश को क्रियान्वित किया और उसे सेंट्रल जेल, चंचलगुडा, हैदराबाद में रखा गया है।