जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम की महिला मित्र मोनिका बेदी को दस साल के लिए पासपोर्ट जारी किए जाने के आवेदन को खारिज कर दिया है।
न्यायाधीश सी व्ही सिरपुरकर की एकलपीठ ने आदेश में दिए है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी नाम व दस्तावेज से पासपोर्ट बनाने का मामला काफी संगीन है और दस साल पुराना है, इसलिए मोनिका बेदी द्वारा चाही गई राहत नहीं दी जा सकती।
पासपोर्ट काण्ड को लेकर भोपाल के कोहेफिजा थाने में मोनिका बेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मोनिका पर आरोप था कि उसने खुद को अबु सलेम की पत्नि बताते हुए फर्जी पासपोर्ट फौजिया उस्मान के नाम से बनवाया था।
इस मामले में मोनिका बेदी 16 जुलाई 2007 को बरी हो गई थी। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने यह पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जो हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
मामले पर 28 अप्रेल 2015 को हुई सुनवाई के दौरान मोनिका बेदी खुद हाईकोर्ट में हाजिर हुई थीं। इसी बीच मोनिका बेदी ने 5 साल के लिए स्थाई पासपोर्ट जारी किए जाने की प्रार्थना करके एक अर्जी दायर की थी। मोनिका को एक साल के लिए पासपोर्ट जारी हुआ था। स्थाई पासपोर्ट जारी करने संबंधी अर्जी पर अपना फैसला देते हुए अदालत ने मोनिका बेदी की मांग ठुकरा दी।