सबगुरु न्यूज-सिरोही। पिण्डवाड़ा उपखण्ड मजिस्ट्रेट ने आदर्श शिक्षा समिति की सरूपगंज स्थित आदर्श विद्या मंदिर की भूमि का बिलानाम दर्ज कर ली है। इसी के साथ बरलूट के ग्रामीणों के प्रयासों के बाद लोकायुक्त के निर्देश पर वहां की आदर्श शिक्षा समिति की सरकारी कब्जाशुदा जमीन पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी प्रक्रियारत है।
-सरूपगंज से पहले ही हुए थे बरलूट के आदेश
सरूपगंज में आदर्श शिक्षा समिति ने भावरी में आदर्श विद्या मंदिर बनवाई थी। जिस जमीन पर इस भवन को बनवाया गया था उसका भू-उपयोग परिवर्तन नहीं करवाया गया था। यह कृषि भूमि थी। इसी पर विद्यालय का निर्माण कर लिया गया था, जोकि व्यावसायिक भवन था।
ऐसे में इस भवन के निर्माण के लिए आवश्यक राजस्व को सरकार को नहीं दिया गया। राजस्थान टीनेंसी एक्ट के तहत इस तरह की भूमि का राजसात करने का कानून है। इसी के तहत भावरी तहसीलदार द्वारा पिण्डवाड़ा उपखण्ड अधिकारी के यहां दायर वाद के बाद इस भूमि को 20 फरवरी को राजसात कर लिया गया।
इससे पहले ही बरलूट गांव में आदर्श शिक्षा समिति द्वारा सरकारी जमीन पर आंशिक कब्जा करने के मामले में लोकायुक्त में ग्रामीण देवीचंद द्वारा दायर वाद के बाद प्रशासन ने वहां से कब्जा हटाने का निर्णय कर लिया था। इत्तेफाक यह है कि सरूपगंज में जहां देवीबाई के प्रकरण के बाद उनकी जमीन छिनी तो बरलूट में देवीचंद के वाद पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करने की प्रकियाधीन है।
-सरूपगंज में वृद्धा की भूमि पर कथित कब्जे के मामले में विवाद
आदर्श शिक्षा समिति द्वारा जमीन के विवाद का पहला बड़ा मामला सरूपगंज से आया था। इसमें वृद्धा देवीबाई की कब्जेशुदा जमीन में कथित रूप से घुसकर उसमें कब्जा करने का आरोप लगा। इस प्रकरण के बाद वृद्धा के परिजनों ने सरूपगंज में मूल विद्यालय के प्रकरण में भूमि का बिलानाम घोषित करने को लेकर उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया था। इतना ही नहीं जिस भूमि पर कब्जा करने का आरोप आदर्श शिक्षा समिति पर लगा है, उस भूमि में भी आवंटन की शर्तों का उल्लंघन की बात सामने आई है।