नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था की रफ्तार के लिहाज से देश के लिए बुरी खराब है। क्रिसिल, गोल्डमैन सैसे और भारतीय रिजर्व बैंक के बाद बुधवार को एशियन विकास बैंक (एडीबी) ने भारत के चालू वित्त वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।
रिजर्व बैंक ने भी पिछले सप्ताह चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में जीडीपी का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान जता चुका है।
एडीबी ने विकास अनुमान घटाने का कारण नौकरियों की रफ्तार घटने से खपत के प्रभावित होना बताया है। उसने कहा है कि कमजोर फसल की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुस्ती गहरा सकती है।
तीन महीने पहले ही सितंबर में एडीबी ने भारत का जीडीपी अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए साढ़े छह प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
एडीबी ने हालांकि कहा है कि जीडीपी को बढ़ाने के लिए अनुकूल नीतियों की वजह से अगले वित्त वर्ष में जीडीपी की रफ्तार साढ़े छह प्रतिशत हो सकती है।
इससे पहले ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैसे और क्रिसिल दोनों ही भारत की जीडीपी रफ्तार को पहले के छह प्रतिशत की तुलना में घटाकर 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त कर चुके हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जारी जीडीपी आंकड़ों में यह 26 तिमाहियों के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई थी। अक्टूबर में प्रमुख उद्योगों की विकास दर घटकर 5.2 प्रतिशत रही। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी पिछले साल के साढ़े सात प्रतिशत की तुलना में मात्र 4.8 प्रतिशत की रफ्तार ही हासिल कर पाई।