भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर के बयाना उपखण्ड में पीलूपुरा के समीप अड्डा गाव में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की 17 अक्टूबर को प्रस्तावित महापंचायत के बाद जिला प्रशासन सजग हो गया है।
महापंचायत को लेकर कानून व्यबस्था का जायजा लेने गुरुवार शाम अड्डा गांव पहुंचे जिला कलक्टर नथमल डिडेल एवं पुलिस अधीक्षक डॉ.अमनदीप सिंह कपूर सहित अन्य अधिकारियों को गुर्जर समुदाय के लोगों की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा। ग्रामीणों ने अधिकारियों के सामने सरकारों की वायदा खिलाफी के प्रति अपनी नाराजगी का इजहार करते कहा कि भाजपा एवं कांग्रेस की सरकारों ने गुर्जर समाज को दूध पीते बच्चों की तरह बहलाया, बार-बार समझौते और वादे किए, लेकिन उनका कोई भी वायदा आज तक पूरा नहीं हुआ।
उधर पंचायत से पहले ही गुर्जर समाज के आक्रोश की देखते प्रशासन भी खासा सतर्क नजर आ रहा है और उसने जिले में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश रद्द करके उन्हें ड्यूटी पर वापिस बुला लिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी पीलपुरा गुर्जर आंदोलन का मुख्य केन्द्र रह चुका है। यहां रेललाइन के पास हुई फायरिंग में कई लोग मारे गए थे।
महापंचायत के रणनीतिकारों के अनुसार वे अपने आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने सहित छह सूत्रीय मांगों पर समाज के साथ महापंचायत करके वार्ता करेंगे और समाज हित के लिए रणनति तय की जाएगी। अड्डा गाव में कानून और व्यवस्था को लेकर दौरे पर पहुंचे जिला कलक्टर ने ग्रामीणों से सभा के दौरान कोरोना महामारी को लेकर उसके परिणामों को भी ध्यान में रखते हुए मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने का अनुरोध किया है।