सिरोही। आम जनता को महंगाई, बेरोजगारी, पेट्रोल के बढ़ते दाम, कोयले की रुकी सप्लाई जैसे मुद्दों पर संघर्ष की बजाय राहुल गांधी को बचाने के लिए निकली कांग्रेस को शुक्रवार को सरजावाव दरवाजे से लेकर हर धरना स्थल पर ढूंढा। अंत में मिली कलेक्ट्रेट पर। कारण ये कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में कांग्रेस संगठन पर जिले में भी अधिकारी हावी रहे।
जिला कांग्रेस के आह्वान पर केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय एजेन्सियों के दुरुपयोग के खिलाफ सरजावाव दरवाजे पर धरना, प्रदर्शन और प्रधानमंत्री व केन्द्रीय गृह मंत्री का पुतला दहन का कार्यक्रम था। सभी कांग्रेसजनों को सरजावाव दरवाजे पर सुबह 11 बजे एकत्र होना था। काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
इस बीच घड़ी की सुइयां आगे बढ़ती गई एक भी कांग्रेसी दरवाजे की ओर नजर नहीं आया। उन्हें देखने के लिए 11.15 पर कलेक्ट्री गए वहां भी कांग्रेस नहीं दिखी। फिर सरजावाव दरवाजे पहुंचे तब भी कांग्रेस वहां नहीं पहुंच पाई थी।
पुलिस और लोगों में कांग्रेस के गुम हो जाने से पसोपेश की स्थिति थी। तब आधे घण्टे बाद पता चला कि कांग्रेस कलेक्ट्रेट पर है। पुलिस बल आनन फानन वहां पहुंचा। कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुए गिनती के कांग्रेसियों का पूरा कार्यक्रम महज 10-15 मिनट में निपट गया। जगह इधर उधर करने का कारण पूछने पर जिलाध्यक्ष बोले कि एसडीएम ने दरवाजे पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी।
ये हाल कांग्रेस का तब है, प्रदेश में कांग्रेस की अशोक गहलोत की सरकार है। सरजावाव दरवाजा सिरोही में अल्पकालिक प्रदर्शन का मुख्य स्थल रहा है और यहां आवाजाही भी रहती है तो लोगों में एक प्रदर्शन भी होता है। वैसे दावा ये भी किया जा रहा है कि कुछ दिन पहले आरएसएस प्रकल्प के एक कार्यक्रम को भी यहां इजाजत नहीं दी गई थी।
गहलोत और डोटासरा की कांग्रेस को कार्यकर्ता की किल्लत
कांग्रेस राज में कांग्रेस की दुर्गति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष के पुत्र और प्रमुख राष्ट्रीय नेता को बचाने के लिए किए जा रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए कार्यकर्ता और पदाधिकारी नहीं मिल रहे हैं। ये हालात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राजनीतिक नियुक्तियों में देरी, डोटासरा द्वारा सांगठनिक पुनर्गठन के अभाव के कारण है।
कल के प्रदर्शन में शामिल कांग्रेसजनों की संख्या बता रही थी कि कार्यकर्ताओं के हितों को नजरअंदाज करने वाले केंद्रीय नेतृत्व को जमीनी कार्यकर्ताओं ने भी नजरअंदाज करना शुरु कर दिया है। स्थिति ये रही कि अमित शाह के पुतले को तो खुद जिलाध्यक्ष अपने कंधों पर ढोकर आयोजन स्थल पर लाए।
नजर नहीं आई कांग्रेस (एस)
प्रदर्शन में कांग्रेस (जे) नजर आई। लेकिन, निर्दलीय विधायक के फॉलोवर्स वाली कांग्रेस (एस) की मौजूदगी नहीं रही। यहां तक कि कांग्रेस के सिरोही ब्लॉक के पदाधिकारियों के अलावा सिरोही नगर परिषद के सभापति और पार्षदों ने भी मुंह दिखाई नहीं करवाई। जिलाध्यक्ष जीवाराम के अलावा संयम लोढ़ा के एंटी गुट के लगभग सभी नेता धरने में दिखाई दिए। ये बात अलग है कि इन नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं का जमावड़ा नजर नहीं आया।
जिलाध्यक्ष का दावा, पार्टी का हर कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की जांच और कांग्रेस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस के घुसने के विरोध में कांग्रेस ने केन्द्र की मोदी सरकार के सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया तथा शुक्रवार को जिला कांग्रेस कमेटी के बुलावे पर जिले भर से पहुंचे कांग्रेसजनों ने धरना-प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह का पुतला फूंका।
कांग्रेस संगठन महासचिव जैसाराम मेघवाल ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में बदलाव करते हुए सुबह 11 बजे कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता सरजावा दरवाजे की बजाय कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित हुए जहां जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य के नेतृत्व एवं वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में धरना दिया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में जीडीपी पाताल में महंगाई आसमान में, जनता पर महंगाई का डाका यही मोदीराज का खाका, महंगाई की मार भ्रष्ट मोदी सरकार इत्यादि नारे लिखी तख्तियां व पार्टी के झंड़े थामकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का पुतला फूंका।
विरोध प्रदर्शन करते हुए उपस्थित कांग्रेसजनों ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व भाजपा के खिलाफ कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थन में जमकर नारेबाजी की।
मेघवाल ने बताया कि विरोध प्रदर्शन व पुतला दहन के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रेस से मुखातिब होकर कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व अध्यक्ष खिलाफ ईडी द्वारा राजनीतिक दबाव में परेशान करने की नीयत से बार-बार बुलाकर पूछताछ करने की कार्यवाही को सरासर गलत व बदनाम करने के षडयंत्र का हिस्सा करार दिया। आर्य ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ की जा रही ईडी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि इस पर कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। लोकतंत्र में सबको आवाज उठाने का अधिकार है। राहुल गांधी लगातार जनता के मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। उनके खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेगी। कांग्रेस का हर कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ खड़ा है। केंद्र सरकार के ऐसे हथकंडों से पार्टी नहीं डरेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता संजय कुमार वर्मा ने बताया कि नेशनल हेराल्ड केस में ईडी द्वारा की जा रही कार्रवाई से कांग्रेसियों में नाराजगी है कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिशोध और द्वेष भावना से प्रेरित होकर सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव राजेन्द्र सांखला, इन्दरसिंह देवड़ा, जिला संगठन महासचिव जैसाराम मेघवाल, उपाध्यक्ष एडवोकेट मुनव्वर हुसैन, पुखराज गहलोत, राजेश गहलोत, भूपेन्द्र सिंह सोलंकी, रतनलाल प्रजापत, मोहनलाल मीणा, महासचिव पुखराज परिहार, सचिव विजयसिंह रुखाड़ा, फूलाराम सुथार, पिंडवाड़ा नगर कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश रावल, सिरोही नगर कांग्रेस प्रभारी जयंतीलाल माली, प्रवक्ता परबतसिंह काबा, अंकुर रावल, जिला क्रीड़ा परिषद उपाध्यक्ष हरदेव आर्य, महिला शक्ति अनीता कुंवर, जसोदा कुंवर,सूरज कुंवर,सिरोही ब्लॉक कांग्रेस महासचिव छगनलाल कुम्हार आदि मौजूद थे।
पूर्व सरपंच जबरसिंह, वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रतापसिंह राठौड़, मिश्रीमल चौहान, लेखराज ओझा, सक्रिय कार्यकर्ता शहजाद शाह, भंवरलाल हिण्डोनिया, युसुफ मंसुरी, सत्तार मोहम्मद गुजराती, भरत राणा, छोगाराम गोयली, पिंडवाड़ा से भैराराम मेघवाल, जैसाराम हीरागर, भूपेन्द्र परमार, महेन्द्र मारु, देवेन्द्र पाल, सरुपगंज से जवानाराम माली, कसनाराम देवासी, रमेश चौधरी, रामाराम गरासिया, अनादरा से नगर अध्यक्ष कानाराम मेघवाल, वरिष्ठ कांग्रेसी वली मोहम्मद, वेलाराम कोली इत्यादि सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर विरोध प्रदर्शन किया।