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सिरोही में रिहायशी इलाके में पेट्रोल पम्प के लिए भू-उपयोग परिवर्तन! - Sabguru News
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सिरोही में रिहायशी इलाके में पेट्रोल पम्प के लिए भू-उपयोग परिवर्तन!

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सिरोही में रिहायशी इलाके में पेट्रोल पम्प के लिए भू-उपयोग परिवर्तन!
सिरोही में आपत्ति कर्ता द्वारा आपत्ति के साथ कथित पेट्रोल पम्प की भूमि के पास स्थित रिहायशी कोलोनी का नक्शा।
सिरोही में आपत्ति कर्ता द्वारा आपत्ति के साथ कथित पेट्रोल पम्प की भूमि के पास स्थित रिहायशी कोलोनी का नक्शा।
सिरोही में आपत्ति कर्ता द्वारा आपत्ति के साथ कथित पेट्रोल पम्प की भूमि के पास स्थित रिहायशी कोलोनी का नक्शा।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले मुख्यालय पर रिहायशी इलाके में ही पेट्रोल पम्प लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर जिला कलेक्टर के पास आपत्तियों ओर आपत्तियां दर्ज हो रही हैं।

एक आपत्ति एक महिला ने द्वारा दर्ज करवाने की जानकरी सामने आई है। इसमें उसने बताया है कि जिस जगह कथित पेट्रोल पम्प की स्वीकृति दी जा रही है, उससे सटा हुआ ही उसका रिहायशी प्लॉट है। जिला कलेक्टर को भेजे ईमेल में महिला ने बताया कि पेट्रोल पम्प की अनुमति मिलने से उन लोगों के वहां रहना दूभर हो जाएगा।
– क्या कहता है नियम कायदा
पेट्रोल पम्प लगाने को लेकर पहले जो कायदे हों वो अलग है। लेकिन एनजीटी के 2019 के आदेश के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नई गाइडलाइन जारी की थी। इसके अनुसार स्कूल, हॉस्पिटल और रिहायशी इलाकों के 50 मीटर तक के परिधि क्षेत्र में कोई पेट्रोल पम्प स्थापित नहीं किया जा सकता है।
-राजस्थान में भी लागू हो चुके हैं नए नियम
एनजीटी के आदेश के बाद ही राजस्थान सरकार ने भी जुलाई 2021 में पेट्रोल पम्प स्थापित करने के लिए नई गाइड लाइन जारी कर दी थी। इसमें भी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संस्तुतित सिफारिशें की थी।

इसमें स्पष्ट उल्लेख है कि राज्य स्तरीय भू रुपांतरण समिति और स्थानीय निकायों को भी इस गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए पेट्रोल पंपों के लिए भूमि का भू उपयोग परिवर्तन करना होगा।
-पिछले वर्ष ये भी जोड़ा
जनवरी 2021 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी की गाइड लाइन के बाद एक और नया आदेश जारी करके इस सूची में वॉटर बॉडी को भी शामिल कर लिया है।

इसके अनुसार अब नदी, बरसाती नाले तालाब के आसपास के 30 से 50 मीटर की दूरी पर भी पेट्रोल पम्प स्थापित नहीं किया जा सकता है। डबल लेयर पेट्रोल टैंकों के बावजूद केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड द्वारा ये निर्देष देने की वजह ये है कि इन अंडर ग्राउंड  टैंकों को भी लीकेज प्रूफ नहीं माना गया है।
-2019 में दिया था एनजीटी ने आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में ज्ञान प्रकाश और पप्पु सिंह बनाम भारत सरकार के वाद में 18 जनवरी 2019 को पेट्रोल पम्प स्थापित करने की गाइड लाइन जारी की थी।

इसके लिए एनजीटी ने एक कमिटी स्थापित की थी, जिसे पेट्रोल पंपों के लिए गाइडलाइन तैयार करने का जिम्मा सौंपा था। समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद एनजीटी ने गाइड लाइन जारी की। जिसके अनुसार रिहायशी इलाकों के 50 मीटर के दायरे में पेट्रोल पम्प स्थापित नहीं किया जा सकता है।