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JNU: छात्रों के आगे झुकी सरकार, कम की बढ़ी हुई फीस - Sabguru News
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JNU: छात्रों के आगे झुकी सरकार, कम की बढ़ी हुई फीस

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JNU: छात्रों के आगे झुकी सरकार, कम की बढ़ी हुई फीस
Administration will not increase any hostel fee of jnu students
Administration will not increase any hostel fee of jnu students
Administration will not increase any hostel fee of jnu students

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति ने पिछले कुछ दिनाें से छात्रों के चल रहे जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन को देखते हुए फीस वृद्धि को आंशिक रूप से वापस ले लिया है जिसके कारण छात्र अभी भी आंदोलनरत हैं।

जेएनयू शिक्षक संघ ने भी प्रशासन के इस फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है। जेएनयू प्रशासन ने कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए हॉस्टल के कमरे के किराए तथा बिजली पानी के बिल और मेस सेवा तथा सफाई सेवा में 50 प्रतिशत की छूट दी है, लेकिन जिन छात्रों को जूनियर फेलोशिप अथवा सीनियर फेलोशिप या उसके बराबर कोई अन्य फेलोशिप मिलती है तो उनके लिए यह छूट लागू नहीं होगी। जिन छात्रों को नाॅन-नेट फेलोशिप या एमसीएम फेलोशिप मिलती है उन्हें भी 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

प्रशासन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 11 बजे रात तक हॉस्टल में लौटने के फैसले को वापस ले लिया है और डाइनिंग हॉल में ड्रेस कोड को लागू करने के फैसले को भी वापस ले लिया है लेकिन मेस बिल और अन्य खर्चों में वृद्धि को वापस नहीं लिया है। गरीबी रेखा से नीचे वाले छात्रों के लिए हॉस्टल कमरे के किराए में और पानी बिजली के बिल में 50 प्रतिशत की छूट दी है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को प्रति सेमेस्टर 1100 रुपए देने होंगे और प्रतिवर्ष 250 बर्तन के लिए तथा 50 रुपए अखबारों के लिए देने होंगे। मेस का खर्च भी वास्तविक दर से वसूला जाएगा।

प्रशासन की विज्ञप्ति के अनुसार एक छात्र के एक बिस्तर वाले कमरे का किराया 20 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया गया था और दो बिस्तरों वाले कमरे का किराया 10 रुपए बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया गया था। अब आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए क्रमश: 600 रुपए की जगह 300 रुपए और 300 रुपए की जगह 150 रुपए कर दिया गया है।

मेस सर्विस, सफाई आदि का खर्च भी ऐसे छात्रों के लिए आधा कर दिया गया है। पहले मेस के लिए अग्रिम राशि 5500 रुपए थी जिसे बढ़ाकर 12000 रुपए कर दी गई थी, लेकिन अब सभी श्रेणी के छात्रों के लिए 5500 रुपए कर दी गई है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने बुधवार शाम ट्वीट कर बताया था कि हॉस्टल फीस और अन्य नियमों में काफी छूट दी गई है। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को आर्थिक मदद देने की भी योजना का भी प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने छात्रों से कक्षा में वापस जाने की भी अपील की है। इस बीच, छात्र नेताओं ने कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा और वे सरकार की इस घोषणा से सहमत और संतुष्ट नहीं हैं।

जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा है कि फीस वृद्धि वापस नहीं ली गई है बल्कि उसमें केवल दिखावे का बदलाव किया गया है। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल और सचिव सुरजीत मजूमदार ने कहा है कि विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी ने जो फैसला लिया है वह गैर-कानूनी है क्योंकि उसने कार्यकारिणी परिषद के अन्य सदस्यों को बैठक की समय पर सूचना भी नहीं दी जिससे वे लोग उसमें भाग नहीं ले सके और चोरी छुपके यह फैसला लिया गया।

इस बीच जेएनयू कर्मचारी संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की है कि वो छात्रों से बातचीत कर कोई रास्ता निकाले।

गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को छात्रों को आश्वासन दिया था कि वे छात्रों की समस्या पर सकारात्मक ढंग से विचार करेंगे। इन छात्रों ने जेएनयू के तीसरे दीक्षांत समारोह में जबरदस्त धरना प्रदर्शन कर निशंक का कई घंटों तक घेराव किया और पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई।

पुलिस की लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हुए जिसके बाद उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया। यह छात्र हॉस्टल फीस में 300 प्रतिशत की वृद्धि और रात में 11:30 बजे के बाद हॉस्टल आने पर प्रतिबंध लगाए जाने और ड्रेस कोड लागू किए जाने का विरोध कर रहे हैं।