Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
हाई स्पीड बुलेट रेल संचालन के लिए इटावा में हवाई और स्थलीय सर्वेक्षण जारी - Sabguru News
होम Business हाई स्पीड बुलेट रेल संचालन के लिए इटावा में हवाई और स्थलीय सर्वेक्षण जारी

हाई स्पीड बुलेट रेल संचालन के लिए इटावा में हवाई और स्थलीय सर्वेक्षण जारी

0
हाई स्पीड बुलेट रेल संचालन के लिए इटावा में हवाई और स्थलीय सर्वेक्षण जारी
Aerial and Terrestrial Surveys in Etawah for High Speed Bullet Rail Operations
Aerial and Terrestrial Surveys in Etawah for High Speed Bullet Rail Operations
Aerial and Terrestrial Surveys in Etawah for High Speed Bullet Rail Operations

इटावा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अतिमहत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर हवाई और स्थलीय सर्वक्षण कार्य उत्तर प्रदेश के इटावा जिले मे बडे स्तर पर जारी है।

नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के प्रबंध निदेशक अचल खरे बताते है कि देश की राजधानी नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस तक हाई स्पीड बुलेट रेल संचालन के लिए सर्वेक्षण कार्य इन दिनो इटावा जिले मे व्यापक स्तर पर चल रहा है।

इस अतिहत्वाकांक्षी रेल परियोजना के साल 2026 तक पूरे होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इटावा जिले के चैपुला मे हाई स्पीड रेल परियोजना का रेलवे स्टेशन भी बनेगा।

दिल्ली से वाराणसी के बीच 14 स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियो की मानें तो पहले सिर्फ 12 स्टेशन बनाए जाने थे, लेकिन कानपुर और न्यू भदोही को इसमें जोड़ा गया है।

इटावा जिले मे आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के किनारे हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है तथा स्थलीय सर्वे भी किया गया है। ऐसा बताया कि हर पांच किलोमीटर के दायरे मे सर्वेक्षण टीम मे पिलर प्वांइट तैयार किये है।

इटावा जिले के लोडरपुरा, रमपुरा कौआ, कुदरैल, टिमरूआ, खडैता, चैपुला, बनी हरदू, खरौंगा, नगला चिंता, खरगपुर सरैया आदि के गांव के किसानो की जमीन का अधिग्रहण हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिहाज से किया जायेगा। सबसे बडा जमीन का अधिग्रहण चैपुला पर किये जाने की बात कही जा रही है क्यो कि यहाॅ पर हाई स्पीड रेल परियोजना का रेलवे स्टेशन बनेगा।

दिल्ली से वाराणसी तक बनने वाले हाईस्पीड रेलवे ट्रैक पर जिले में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे चैपुला कट के पास आधुनिक रेलवे स्टेशन बनेगा । तीन चरणों में मेट्रो की तर्ज पर पिलर पर इस ट्रैक का निर्माण होगा।

दिल्ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन जमीन के साथ ही सुरंग और एलिवेटेड ट्रैक से भी गुजरेगी। लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग सर्वे (लिडार) तकनीक से नई दिल्ली-वाराणसी नेशनल हाई स्पीड रेल कारिडोर का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। अब टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाओं की तैयारियों में नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अधिकारियों की टीम जुटी है।

नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड कारिडोर के तहत प्रस्तावित 861 किलोमीटर दूरी में नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ा जाना है।

दिसंबर 2020 के अंतिम सप्ताह में लिडार तकनीक से नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कारिडोर के भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हुआ था । फरवरी के पहले सप्ताह में पूरे हुए सर्वे के बाद हेलीकाप्टर पर लगे उपकरण के सहारे सटीक सर्वेक्षण का आंकड़ा, लेजर आंकड़ा, जीपीएस, उड़ान और तस्वीरों को इकट्टा करके एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों की टीम अगली रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई है।

एनएचएसआरसीएल की ओर से जो जानकारी मिली उसमे ऐसा कहा गया है कि नई दिल्ली-वाराणसी नेशनल हाई स्पीड रेल कारिडोर के भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। एरियल लिडार का सर्वे सफल रहा है। आगे की अब अन्य योजनाओं के बाबत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर प्रदेश के जिलों में लगातार विकास कार्यो पर फोकस किए हैं। इसी के तहत एक्सप्रेस-वे के किनारे दिल्ली से वाराणसी तक हाईस्पीड रेलवे ट्रैक पर तीव्रगति की ट्रेन चलाने का सपना संजोया गया है।

इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वर्ष 2026 की डेडलाइन निर्धारित है। ट्रैक बनाने में किसानों की ज्यादा भूमि नहीं लेनी पड़े, इसीलिए एलीवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। पहले चरण में दिल्ली से आगरा, दूसरे चरण में आगरा से लखनऊ और तीसरे चरण में लखनऊ से वाराणसी तक रेलवे ट्रैक बनेगा। यह ट्रैक आधुनिक सुरक्षा और संरक्षा के संसाधनों से लैस होगा। दलदल व नमी युक्त भूमि की पहचान के लिए सर्वे किया जा रहा है। ताखा क्षेत्र में भूमि ज्यादा नमीयुक्त बताई गई है। इसीलिए धरातल पर नजर डाली गई। अब एक साल के अंतराल में जमीन अधिग्रहण के साथ ही निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

दिल्ली के सराय काले खां से मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ होकर वाराणसी के भदोही तक यह रेलवे ट्रैक बनेगा। इसकी कुल लंबाई 816 किलोमीटर है। इस दूरी को हाईस्पीड ट्रेन चार घंटे में तय करेगी।

इटावा के ब्लाक बसरेहर, ताखा और सैफई के कई गांव इस ट्रैक से जुड़ जाएंगे। यह क्षेत्र अभी तक काफी पिछड़ा है। एक्सप्रेस-वे के बाद हाई स्पीड ट्रैक पर स्टेशन बनने से क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। क्षेत्र के विकास संग लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

तोडरगांव के सर्वेश कुमार का कहना है कि दीपावली के आसपास से रेल प्रोजेक्ट को लेकर सर्वे किया जा रहा है। सर्वे टीम परिवार का विवरण कलेक्ट कर रहे है। आधार कार्डो का संकलन भी कर किया गया है। हवाई जहाज से दो दफा सर्वे किया जा चुका है। इस योजना को बहुत अच्छी योजना माना जायेगा इस योजना के संचालन से इलाके का विकास होगा। प्रधानमंत्री का दिल से आभार प्रकट करते है जब इस इलाके से रेल परियोजना शुरू होगी तो जाहिर है कि इलाके बडी बडी कंपनियाॅ भी आयेगी जिससे सरकारी ना सही गैर सरकारी काम तो मिलेगा ही।

एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद लोगो को रोजगार मिला हुआ है अब हाई स्पीड रेल परियोजना का संचालन होगा तो जाहिर है कि लोगो की किस्मत चमकेगी जरूर। ऐसा माना जा रहा है कि इस रेल परियोजना के संचालन से इस इलाके मे चार चांद लग जायेगे।