जेनेवा । कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण विमान सेवा कंपनियों पर दबाव बढ़ रहा है और इसलिए अब सस्ते हवाई किराये के दिन लद सकते हैं तथा विमानन क्षेत्र की रफ्तार धीमी पड़ सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आयटा) ने शुक्रवार को यहाँ जारी अपनी रिपोर्ट में यह आशंका जतायी है। इसमें कहा गया है कि जुलाई में दुनिया के सभी क्षेत्रों में हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ी है। विमान सेवा कंपनियों का प्रति यात्री प्रति किलोमीटर राजस्व साल-दर-साल आधार पर 6.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि जून में इसमें 8.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी थी। जुलाई में एयरलाइंस की क्षमता यानी सीट किलोमीटर उपलब्धता 5.5 प्रतिशत बढ़ी। पैसेंजर लोड फैक्टर यानी भरी सीटों का अनुपात 0.6 प्रतिशत बढ़कर 85.2 पर पहुँच गया जो किसी भी साल के दौरान जुलाई महीने में सर्वाधिक है।
आयटा के महानिदेशक एलेक्जेंडर डी जुनैक ने कहा “विमानन उद्योग में जुलाई में मजबूत वृद्धि देखी गयी। रिकॉर्ड पैसेंजर लोड फैक्टर इस बात की पुष्टि करता है कि विमान सेवा कंपनियाँ माँग पूरी करने के लिए क्षमता बढ़ाने में ज्यादा कुशल हुई हैं। हालाँकि, लागत बढ़ने से – विशेषकर विमान ईंधन के मद में – कम किराये के कारण क्षेत्र को मिली रफ्तार पर अंकुश लग सकता है। इसलिए वर्ष 2017 की तुलना में वृद्धि दर में लगातार गिरावट की अपेक्षा है।”
पिछले साल जुलाई के मुकाबले इस साल जुलाई में अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर यात्रियों की संख्या 5.3 प्रतिशत और घरेलू मार्गों पर 7.8 प्रतिशत बढ़ी। तीन महीने में यह पहली बार है कि सभी क्षेत्रों में वृद्धि देखी गयी है। सबसे तेज वृद्धि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रही। घरेलू यात्रियों की संख्या के मामले में लगभग सभी देशों में बढ़ोतरी हुई है। इसमें चीन, भारत और रूस ने दहाई अंक की वृद्धि दर के साथ दुनिया के नेतृत्व किया है।