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अफगानिस्तान में सिखों पर हमला, 20 की मौत
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अफगानिस्तान में सिखों पर हमला, 20 की मौत

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अफगानिस्तान में सिखों पर हमला, 20 की मौत
Afghanistan : 12 killed, 20 injured in jalalabad blast
Afghanistan : 12 killed, 20 injured in jalalabad blast
Afghanistan : 12 killed, 20 injured in jalalabad blast

जलालाबाद। अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को सिखों को निशाना बनाकर किए गए भीषण विस्फोट में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए।

गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने बताया कि राष्ट्रपति अशरफ गनी के जलालाबाद में एक अस्पताल का उद्घाटन करने के कुछ घंटे बाद हुए इस विस्फोट से मुखाबेरात चौक के पास कई दुकानें क्षतिग्रस्त हाे गई और मकान धराशायी हो गए।

नांगरहार के पुलिस प्रमुख गुलाम सनायी स्तानेकजई ने बताया कि एक आत्मघाती हमलावर ने सिखों को लेकर जा रहे एक वाहन को निशाना बनाकर हमला किया। हमला के समय सिख समुदाय के लोग राष्ट्रपति से मिलने आये थे। उन्होंने कहा कि हमले में हताहत हुए अधिकतर लोग सिख समुदाय के हैं।

खोगयानी ने बताया कि विस्फोट में कम से कम 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन के कारण ज्यादातर रास्ते बंद थे जिसके कारण ज्यादा लोग विस्फोट की चपेट में नहीं आए अन्यथा मृतकों की संख्या बढ़ सकता थी।

काबुल में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने जलालाबाद में हुए आतंकवादी हमले में 10 सिखों के मारे जाने की पुष्टि की है। भारतीय दूतावास ने टि्वटर के जरिए कड़े शब्दों में इस हमले की निंदा की है।

भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि इस हमले ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ एकजुट वैश्विक लड़ाई की आवश्यकता को रेखांकित किया है। आतंकवादियों को किसी भी तरह से समर्थन देने वाले लोगों के खिलाफ एकजुट होने की जरुरत है।

इस्लामिक स्टेट ने अपनी आधिकारिक समाचार एजेंसी अमाक के माध्यम से एक वक्तव्य जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट ने अपने इस दावे के पक्ष में कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया है।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है लेकिन देश में हिंदुओं और सिखों की एक छोटी संख्या है। अफगानी संसद में सिख एवं हिन्दू समुदाय के लिए एक सीट आरक्षित है। लेकिन बढ़ते हुए खतरे और लगातार मिलती धमकियों के कारण कई प्रांतों से हिन्दू और सिख समुदाय के लोग देश छोड़कर चले गए हैं। ज्यादातर लोगों ने भारत में शरण ली है।