अगरतला। केंद्र सरकार के निर्देश पर त्रिपुरा पशु संसाधन विकास (एआरडी) ने अफ्रीकी स्वाइन बुखार (एएसएफ) की पुष्टि के बाद 225 से अधिक सूअरों को मार दिया है।
एएसएफ के प्रसार को रोकने के लिए पहले दो दिन में राज्य के सिपाहीजला जिले में सरकार द्वारा संचालित देबीपुर सूअर पालन फार्म के 165 सूअरों को मारा गया।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला गुवाहाटी से सात अप्रैल को विभाग को तीन नमूनों की जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें सूअरों में एएसएफ की पुष्टि हुई थी। इसके बाद कुछ सूअरों की संदिग्ध मौत के तुरंत बाद एहतियाती उपाय किए गए थे, लेकिन शनिवार को उन्हें मारने की कार्रवाई शुरू की गई।
एआरडी के निदेशक डी के चकमा ने कहा कि शनिवार को देबीपुर फार्म में 121 सूअरों को मारा गया, जबकि 44 को एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाकों में मारा। उन्होंने बताया कि इस काम में दो टीमों को लगाया गया है। देबीपुर फार्म में कम से कम 27 सूअरों की रहस्यमय तरीके से मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि सूअरों की एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवाजाही को रोकने के लिए पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट किया कि अच्छी तरह उबालने के बाद मानव उपभोग के लिए सूअर मांस सुरक्षित है क्योंकि यह अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की तरह संक्रामक नहीं है।
‘वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ’ के अनुसार एएसएफ एक गंभीर वायरल बीमारी है जो घरेलू और जंगली सूअर दोनों को प्रभावित करती है। यह बीमारी जानवरों से इंसानों में नहीं फैलती है।