नई दिल्ली। दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद शाम को आए लगभग सभी एग्जिट पोल ने भाजपा और कांग्रेस को मौन कर दिया है। दोनों ही पार्टियां 11 फरवरी नतीजे के दिन से पहले अपनी हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो इन सारे चुनाव पोल को खारिज कर दिया है। कांग्रेस के दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रभारी पीसी चाको ने एग्जिट पोल्स के नतीजों को खारिज करते हुए कहा है कि असली परिणाम कुछ और आएंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सर्वे के अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन करेगी। चाको ने कहा कि उनकी नजर में एग्जिट पोल रिजल्ट्स सही नहीं हैं। ध्यान रहे कि शनिवार को वोटिंग खत्म होते ही एग्जिट पोल्स के आए सभी नतीजों में आम आदमी पार्टी की सत्ता वापसी का स्पष्ट संकेत मिला है जबकि कांग्रेस की स्थिति बद से बदतर होने की आशंका जताई गई है।
एग्जिट पोल में कांग्रेस को सबसे बड़ा नुकसान
सभी एग्जिट पोल्स के द्वारा कांग्रेस को बड़ा नुकसान में बताया गया है। दिल्ली विधानसभा के हुए चुनाव में पार्टी को सबसे कम सीट मिलने जा रही है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत पांच के आसपास रहने की उम्मीद जताई गई है। यह 2015 में उसे मिले वोट का आधा है। पाच साल पहले दिल्ली विधानसभा में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 10 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। तब 70 सीटों में से एक पर भी कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई थी। कुछ यही हाल इस बार भी होने की आशंका है।
एक्जिट पोल्स की मानें तो दिल्ली में कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुलने वाला। एग्जिट पोल्स के मुताबिक कांग्रेस के पारंपरिक वोटर रहे मुस्लिमों ने भी इस बार आप का रुख कर लिया। मुस्लिम मतदाताओं ने बीजेपी की हार सुनिश्चित करने के लिए रणनीति के तहत एकतरफा वोट किया। उसे डर था कि अगर कांग्रेस और आप के बीच वोट बंट गए तो बीजेपी को फायदा हो सकता है और वह सत्ता की कुर्सी तक पहुंच सकती है।
कांग्रेस के चुनाव प्रचार में नहीं दिखा कोई जोश
कांग्रेस पार्टी की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव में कोई जोश नहीं नजर नहीं आया। पार्टी के आलाकमान नेताओं ने चुनाव प्रचार करने में कोई दिलचस्पी दिखाई, हां राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दो तीन रैलियां जरूर की थी। वह भी पीएम मोदी पर निशाना साधते रहे। दिल्ली की जनता और विकास के वायदे को लेकर कोई ठोस घोषणाएं नहीं की थी।आखिरी वक्त में राहुल और प्रियंका गांधी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में कुछ रैलियां की थीं। पार्टी की दिल्ली चुनाव से बेरुखी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपना घोषणा पत्र जारी करते वक्त भी ठीक से मीडिया मैनेजमेंट करने की जरूरत नहीं समझी।
भाजपा ने कहा 48 सीटें जीतेंगे
बहरहाल, एग्जिट पोल को नकारने में बीजेपी भी पीछे नहीं रही है। पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एग्जिट पोल के नतीजे घोषित होने के बीच ट्वीट कर दावा कर डाला कि बीजेपी 48 सीटों के साथ दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। दूसरी और दिल्ली के भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने भी एग्जिट पोल को नकारते हुए कहा है कि इस बार राजधानी में हमारी सरकार बनेगी। भाजपा पूरी तरह आशावान है दिल्ली में सरकार बनने के लिए। दिल्ली की गद्दी पर कौन बैठेगा। दाे दिन बाद यानी 11 फरवरी को नतीजे घोषित हो जाएंगे, तभी तस्वीर साफ हो पाएगी।
दिल्ली चुनाव के एग्जिट पोल के बाद भाजपा में हुआ लंबा मंथन
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के बाद भारतीय जनता पार्टी में लंबी मैराथन बैठक आयोजित की गई है। भाजपा की यह बैठक लगभग 6 घंटे रात भर चलती रही है। इसमें बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी शामिल थे। मीटिंग में दिल्ली की एक-एक सीट पर समीक्षा की गयी है। बता दें कि दिल्ली में चुनाव खत्म होने के बाद लगभग सभी एग्जिट पोल ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का दावा किया है।
एग्जिट पोल सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी पूरी तरह से आत्मविश्वास में दिख रही है तो बीजेपी एग्जिट पोल्स के विपरीत नतीजे आने की बात कर रही है। बीजेपी को तो ये भी लगता है कि 11 फरवरी को दिल्ली में उन्हीं की सरकार बनेगी।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार