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After High Court intervention, Haryana Roadways employees decide to end strike-हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर हरियाणा रोडवेजकर्मियों की हड़ताल समाप्त - Sabguru News
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हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर हरियाणा रोडवेजकर्मियों की हड़ताल समाप्त

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हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर हरियाणा रोडवेजकर्मियों की हड़ताल समाप्त
After High Court intervention, Haryana Roadways employees decide to end strike
After High Court intervention, Haryana Roadways employees decide to end strike

चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों को उनकी गत 16 अक्तूबर से चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त करने तथा शनिवार सुबह दस बजे से काम पर लौटने के शुक्रवार को आदेश दिए हैं।

अदालत के इस आदेश के बाद रोडवेज की सभी बसें शनिवार से सड़कों पर उतर आएंगी और जनता को इस हड़ताल के कारण हो रही परेशानियों से निजात मिलेगी।

न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कृष्ण मुरारी आैर न्यायमूर्ति अरूण पल्ली की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा रोडवेज यूनियन के नेताओं को हड़ताल समाप्त करने के निर्देश दिये। इस पर इन नेताओं ने अदालत को आश्वासन दिया कि वे हड़ताल समाप्त करेंगे सभी कर्मचारी शनिवार दस बजे से काम पर लौट आएंगे।

अदालत ने राज्य सरकार और कर्मचारी यूनियनों को आपसी विवाद वार्ता से सुलझाने का भी निर्देश दिया। अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि आंदोलनकारियों के खिलाफ अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई न करे तथा हड़ताल के दौरान बर्खास्त या निलंबित किए गए कर्मचारियों को बहाल करने, एस्मा के तहत की गई कार्रवाई और अगर इस सिलसिले में अन्य विभागों के कर्मचारियों पर इस तरह की अगर कोई कार्रवाई हुई है तो उसे भी रद्द करने के आदेश दिए।

उल्लेखनीय है कि रोडवेज कर्मियों की गत 18 दिन से जारी हड़ताल को लेकर पंजाब एवं उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका में कहा गया है कि इस हड़ताल से आगे परिस्थितियां और बिगड़ सकती हैं क्योंकि कुछ अन्य कर्मचारी यूनियनें भी हड़ताल में शामिल हो सकती हैं।

उल्लेखनीय है कि रोडवेज के बेड़े में किलोमीटर स्कीम के आधार पर 720 निजी बसें किराये पर लेने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ रोडवेजकर्मियों ने 16 और 17 अक्तूबर को दो दिन की हड़ताल की घोषणा की थी लेकिन सरकार द्वारा हड़ताल पर एस्मा लगाने और अनेक कर्मचारियों गिरफ्तार, बर्खास्त और निलम्बित करने से सरकार और कर्मचारियों बीच विवाद ने और तूल पकड़ लिया हड़ताल लंबी खिंच गई।

इस दौरान सरकार और कर्मचारी नेताओं के बीच वार्ताओं के कई दौर भी चले लेकिन ये भी विफल रहीं क्योंकि न तो सरकार निजी बसों को किराये पर लेने के फैसले को वापस लेने के लिए तैयार थी और न कर्मचारी निजी बसों के परमिट रद्द करने की मांग छाेड़ने के लिए तैयार थे।