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After khori order of supreme court citizen of rajasthan must be aware about title of land - Sabguru News
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सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद राजस्थान में के लोगों में भी सजगता जरूरी

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सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद राजस्थान में के लोगों में भी सजगता जरूरी
हरियाणा के खोरी गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गिराए गए अरावली वन क्षेत्र की भूमि में बने दस हजार मकान।
हरियाणा के खोरी गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गिराए गए अरावली वन क्षेत्र की भूमि में बने दस हजार मकान।
हरियाणा के खोरी गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गिराए गए अरावली वन क्षेत्र की भूमि में बने दस हजार मकान।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सुप्रीम कोर्ट का 7 जून को दिया गया आदेश राजस्थान के हर उस व्यक्ति के लिए ध्यान देने योग्य है जिनके जिलों में वन क्षेत्र है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली से सटे हरियाणा के लक्कडपुर-खोरी गांव के 10 हजार मकानों समेत सभी तरह के अवैध निर्माणों को ढहाने के आदेश दिए थे।

हरियाणा सरकार ने इनमें से पांच हजार से ज्यादा मकानों को अब तक ढहा दिया है। इसलिए वन क्षेत्र वाले जिलों में लोगों को मकान या अन्य भवन बनाने से पहले इस बात की तस्दीक कर लेनी जरूरी है कि कोई भू-माफिया उन्हें भ्रमित करके वन विभाग की जमीन को तो नहीं बेच दे रहा है।

-इन जिलों के लोगों को रहना होगा सजग
राजस्थान के सिरोही, पाली, अजमेर, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़, कोटा, सवाई माधोपुर, अलवर आदि ऐसे कई जिले हैं जहां पर अरावली वन क्षेत्र हैं। इनमें वन्यजीव अभयारण्य और वाइल्डलाइफ सेंचुरी भी बनी हुई हैं।

ऐसे में यहां के लोगों को ऐसे लोगों से ज्यादा सजग रहना होगा जो वन की भूमि या उस पर बने निर्माण को बेचकर खुद कमाई कर लेते हैं और लोगों की खून-पसीने की कमाई को खतरे में डाल देते हैं।
-ये कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
हरियाणा का चक्करपुर-खोरी गांव में ये दस हजार मकान भी अरावली वन क्षेत्र में बसा है। राजस्थान में दिल्ली बॉर्डर से लेकर, गुजरात बॉर्डर से सटे माउण्ट आबू तक कई जिलों में अरावली वन क्षेत्र है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ‘जमीन पर कब्जा करने वाले कानून की शरण नहीं ले सकते।’ न्यायालय ने कहा कि ‘वन भूमि के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।’