Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
पटना की दो शिक्षिकाओं को अप्राकृतिक यौनाचार मामले में सजा
होम Bihar पटना की दो शिक्षिकाओं को अप्राकृतिक यौनाचार मामले में सजा

पटना की दो शिक्षिकाओं को अप्राकृतिक यौनाचार मामले में सजा

0
पटना की दो शिक्षिकाओं को अप्राकृतिक यौनाचार मामले में सजा
After Sexual Assault On 5 Year Old, 2 Women Teachers From Bihar Jailed
After Sexual Assault On 5 Year Old, 2 Women Teachers From Bihar Jailed

पटना। बिहार में राजधानी पटना की विशेष अदालत ने नाबालिग छात्रा के साथ अप्राकृतिक यौनाचार के चर्चित मामले में एक प्रतिष्ठित विद्यालय की दो शिक्षिकाओं को दस वर्ष तक के सश्रम कारावास के साथ ही बीस-बीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

बालकों का लैंगिक अपराध से संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एेक्ट) के विशेष न्यायाधीश आर. एन. त्रिपाठी ने मामले में सुनवाई के बाद पटना के एक प्रतिष्ठित विद्यालय की शिक्षिका नूतन जोसेफ ओर इन्दु आनंद को भारतीय दंड विधान एवं पॉक्सो अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।

अदालत ने नूतन जोसेफ को भारतीय दंड विधान की धारा 377/34 के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास के साथ दस हजार रुपए का जुर्माना तथा पॉक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत दस वर्ष के सश्रम कारावास के साथ दस हजार रुपए का जुर्माना भी किया।

वहीं, दोषी इंदु आनंद को भारतीय दंड विधान की धारा 377/34 के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए का जुर्माना तथा पॉक्सो अधिनियम की धारा चार के तहत सात वर्ष के सश्रम कारावास के साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना किया है।

जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषियों को कुल छह-छह माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी एवं दोषियों द्वारा इस मामले के विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।

आराेप के अनुसार दोषी शिक्षिकाओं ने विद्यालय की एक नाबालिग छात्रा के साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया था। नाबालिग के साथ लगातार किये जा रहे लैंगिक शोषण की जानकारी होने पर अभिभावक ने पटना के महिला थाने में इसकी लिखित सूचना दी थी, जिसके आधार पर नवंबर 2016 में महिला थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

अभियोजन की ओर से आरोप साबित करने के लिए इस मामले में सात गवाह पेश किए गए थे जबकि दोषियों ने भी अपने बचाव में दो गवाहों का बयान विशेष अदालत में कलमबंद करवाया था।