Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
घोषणा के बाद भी सहरिया आदिवासी महिलाओं के खातों पर नहीं पहुंचा पैसा
होम Madhya Pradesh घोषणा के बाद भी सहरिया आदिवासी महिलाओं के खातों पर नहीं पहुंचा पैसा

घोषणा के बाद भी सहरिया आदिवासी महिलाओं के खातों पर नहीं पहुंचा पैसा

0
घोषणा के बाद भी सहरिया आदिवासी महिलाओं के खातों पर नहीं पहुंचा पैसा
घोषणा के बाद भी सहरिया आदिवासी महिलाओं के खातों पर नहीं पहुंचा पैसा
घोषणा के बाद भी सहरिया आदिवासी महिलाओं के खातों पर नहीं पहुंचा पैसा
घोषणा के बाद भी सहरिया आदिवासी महिलाओं के खातों पर नहीं पहुंचा पैसा

शिवपुरी | कुपोषण दूर करने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा के बावजूद यह राशि अधिकांश सहरिया आदिवासियों के खातों पर नहीं पहुंच सकी जिसको लेकर जिला प्रशासन ने कहा कि खातों पर पैसा भेजने की प्रकिया लंबी होने और उनके खातों में आरटीजीएस नहीं होने चलते समय पर पैसा नहीं पहुंच पाया है।

बताया गया है कि चौहान द्वारा सहरिया आदिवासी बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए एवं महिलाओं को भी पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए एक हजार रुपए प्रति महीने दिए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद अधिकांश सहरिया आदिवासी महिलाओं के खातों में पैसा समय पर नहीं पहुंचा है। इसकों लेकर जिला प्रशासन ने बताया कि इस प्रक्रिया का लंबा होना तथा उनके खातों में आरटीजीएस नहीं हो पाने के कारण यह स्थिति बनी है।

जिला कलेक्टर शिल्पा गुप्ता ने बताया कि शहरी आदिवासियों को एक हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाने का बजट आदिम जाति कल्याण विभाग में आता है। वहां से जनपद पंचायतों के माध्यम से वितरित किया जाता है। इस प्रक्रिया में समय लगता है। इसलिए हम यह प्रयास कर रहे हैं कि सहरिया महिलाओं के खातों में सीधे (आरटीजीएस) से पैसा ट्रांसफर हो जाए जिससे यह प्रक्रिया छोटी हो जाएगी और पैसा भी जल्दी पहुंचेगा।

सुश्री गुप्ता ने बताया कि एकल खातों में नेफ्ट की सुविधा या आरटीजीएस की सुविधा 25 मई के बाद खत्म कर दी गई है। इसलिए यह प्रयास किया जा रहा है कि सहरिया महिलाओं के एकल खातों में यह सुविधा मिल जाए तो राशि सीधे उनके खातों में आ जाएगी।

वहीं आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रभारी अधिकारी वी के माथुर ने बताया कि अनुमान के अनुसार जिले में लगभग चालीस हजार शहरी आदिवासी है, जिनमें से लगभग 28 हजार चिन्हित किए जा चुके हैं तथा राशि भी भेजी जा रही है। 25 मई के बाद शासन के आदेश से एकल खाता में आरटीजीएस बंद हो गया है, इसलिए राशि पहुंचने में विलंब होता है। अगर एकल खातों में इसकी अनुमति मिल जाए तो पैसा जल्दी सहरिया महिलाओं के खातों में पहुंच जाएगा। शिवपुरी जिले में सहरिया आदिवासी प्रजाति पाई जाती है। यह बहुत ही पिछड़ी प्रजाति है तथा इसमें कुपोषण ज्यादा पाया जाता है। इसलिए इनको पौष्टिक आहार के लिए दी जाने वाली राशि महत्वपूर्ण है।