नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेटरों को आजकल आईपीएल में करोड़ों की कीमत मिलती है और उनकी मैच फीस लाखों रुपए होती है लेकिन 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहली बार विश्व कप जीतने के बाद भारतीय क्रिकेटरों को मैच फीस में 1500 रुपए और दैनिक भत्ता 200 रुपए मिलता था।
भारत ने 25 जून 1983 को शक्तिशाली वेस्ट इंडीज को हराकर पहली बार विश्व कप जीता था। भारत ने उसी साल दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाफ 21 सितम्बर को दिन-रात्रि का प्रदर्शनी एकदिवसीय मैच खेला था। यह मैच प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए खेला गया था जिसे भारतीय एकादश ने एक विकेट से जीता था। यह आधिकारिक एकदिवसीय मैच नहीं था।
इस मुकाबले में पाकिस्तान ने 50 ओवर में तीन विकेट पर 197 रन बनाए थे। पाकिस्तान के लिए ओपनर मोहसिन खान ने 50 और मुदस्सर नजर ने 65 रन बनाए थे। पाकिस्तान की पारी में फ्लडलाइट में गड़बड़ी के कारण मैच 50 ओवर का कर दिया गया था। उस समय एकदिवसीय मैच 60 ओवर के खेले जाते थे।
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने अपने सात विकेट मात्र 101 रन पर गंवा दिए थे लेकिन कीर्ति आजाद ने नाबाद 71 और मदनलाल ने 35 रन बनाकर भारत को एक विकेट से जीत दिलाई थी। भारत ने 49.3 ओवर में नौ विकेट पर 201 रन बनाकर रोमांचक अंदाज में मैच जीता था। आजाद ने अपनी पारी में छह चौके और चार छक्के लगाए थे।
इस मैच के लिए भारतीय खिलाड़ियों को 1500 रुपए की मैच फीस और 200 रुपए का दैनिक भत्ता दिया गया था। भारतीय टीम में कपिल देव (कप्तान), मोहिंदर अमरनाथ (उपकप्तान), सुनील गावस्कर, कृष्णामाचारी श्रीकांत, यशपाल शर्मा, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी, मदनलाल, सैयद किरमानी, बलविंदर सिंह संधू, दिलीप वेंगसरकर, रवि शास्त्री और सुनील वालसन शामिल थे। भारतीय टीम के मैनेजर बिशन सिंह बेदी थे।
भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों और मैनेजर को तीन दिन का कुल भत्ता 600 रुपए और मैच फीस 1500 रुपए दी गई थी। इस तरह खिलाड़ियों और मैनेजर को कुल 2100-2100 रुपए मिले थे।