सबगुरु न्यूज-सिरोही। एक बार फिर सिरोही के प्रभारी मंत्री महेन्द्र चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक घंटे तक कागज में लिखी अशोक गहलोत सरकार की सिरोही और राज्य में उपलब्धियों का महिमामंडन किया। फगुनाहट के उन्नीदे मौसम में भरी दोपहर में मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा को फिर से नींद रोकने के जतन करने पड़े।
कभी आंख बंद करके गर्दन हिलाते रहे तो कभी पानी पीकर ताजगी लाने की कोशिश की। कभी आंखें मसली तो कभी उबासी ली। लेकिन, प्रभारी मंत्री कहां रुकने वाले। लगातार कागज पढ़ते रहे। ये जानते हुए कि किसी भी मीडिया में इतनी बड़ी स्पीच और उपलब्धि समाचार के रूप में प्रकाशित और प्रसारित होने वाली नहीं फिर भी वो नॉन स्टॉप चलते रहे।
एक कागज रखकर दूसरा उठाते तो फिर से सर्किट हाउस के हॉल में सबके मुंह पर मुस्कुराहट आ जाती। पत्रकार वार्ता के अंत में जब बोला कि आज भी सब लोग नींद रोकने की कोशिश करते रहे तो वो बोले कि आज तो मैने पहले ही विधायक जी से पूछ लिया था कि थके हुए तो नहीं हो। चौधरी ने 1.50 पर प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की तो तीन बजे तक चलती रही। इसमें चालीस मिनट तो उनका पत्र वाचन ही था।
– डॉक्टर की उपलब्धि हमारी, पैरा मेडिकल की प्रिंसीपल की
पत्रकार वार्ता के दौरान प्रभारी मंत्री ने अशोक गहलोत सरकार के अब तक के सभी बजटों का महिमामंडन किया। मेडीकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालय में ढाई सौ के बदले सिर्फ नब्बे पैरामेडीकल स्टाफ होने के सवाल पर प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा की तरफ मुखातिब हुए।
जिला चिकित्सालय में हाईकोर्ट के माध्यम से चिकित्सक लगाने की उपलब्धि का बखान करने वाले सिरोही विधायक इस सवाल पर मेडीकल कॉलेज के प्रिंसिपल से सवाल पूछने का कह दिए। जो ये बता रहा था कि मेडीकल कॉलेज खुलने के बाद किस तरह की मॉनीटरिंग रही है। जिला कलेक्टर डॉ भंवरलाल ने बताया कि जल्दी ही नियुक्ति कर दी जाएगी।
राज्य सरकार के चार साल पूर्ण होने पर राज्य के सभी चिकित्सालयों में निजी लैब के माध्यम से की जा रही महंगी जांचों के बंद होने और उनका टेंडर जल्दी करने के दावे के सवाल पर एक बार फिर से प्रभारी मंत्री ने जल्द ही टेंडर करेंगे का पुराना जुमला उछाल गए।
गजेन्द्रसिंह शेखावत के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मानहानि का केस करने के दावे पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बेसिरपैर की बात नहीं करते। उन्होंने जो भी कहा होगा वो सोच समझकर और सबूतों के साथ कहा होगा। हर गलती कीमत मांगती है और दोषी को सजा होगी।
उन्होंने कहा कि किरोडीमल मीणा एक ऐसे नेता हैँ तो सिर्फ धरना करते रहते हैं। धरना देने अलावा उन्होंने पिछले लम्बे समय से किया क्या है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसे बजट और ऐसी योजनाएं पेश की हैं कि भाजपा के पास कहने और करने को कुछ भी नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने वरिष्ट पदाधिकारियों को जिस तरह से विदाइयां करने की नीति बनाई है उसका शिकार गुलाबचंद कटारिया को भी बनाया है। अब हालत ये है कि न तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष मिल रहा है और न ही मेवाड़ा में भाजपा की जमीन मजबूत करने वाला नेता। रुडीप के द्वारा सडक़ों को खोदकर छोड़ देने और उनसे हादसे में लोगों की जान जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज जिला कलेक्टर और अधिकारियों से इस संबंध में भी चर्चा हुई है।
जिला कलेक्टर ने इसे लेकर उपखण्ड अधिकारियों और रुडीप के अधिकारियों की बैठकें लेकर एक जगह का काम बंद होने पर ही दूसरी जगह काम शुरू करने का निर्देश देने के बारे में जानकारी दी है।
कार्तिक भील प्रकरण में एफएसएल की रिपोर्ट में देरी होने का सवाल मंत्री ने पुलिस अधीक्षक को पास किया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि एफएसएल की रिपोर्ट आने में समय लगता है, ऐसे में पुलिस ने उस प्रकरण में चार्जशीट पेश कर दी है। इस पर लोढ़ा ने कहा कि एफएसएल के बिना केस कॉज ऑफ डेथ कैसे सिद्ध कर पाएंगे। मंत्री ने पुलिस अधीक्षक को एफएसएल के लिए पत्राचार करने को कहा।
-भाजपा के ज्ञापन के पीडि़त भी पहुंचे
जिला मुख्यालय पर मेडीकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालय में सोमवार मध्यरात्रि को कुत्ते द्वारा एक माह के बच्चे की जान लेने के मामले के बाद सांसद देवजी पटेल, जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित आदि के साथ भाजपा ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। इसमें उन्होंने चिकित्सालय के आसपास नॉनवेज की दुकाने हटाने को कहा था।
हॉस्पीटल के पास फुटपाथ पर कोई मांसाहार की दुकान तो नहीं थी लेकिन, वहां पर रेहड़ी और गुमटी लगाकर रोजगार पाने वालों को इस ज्ञापन के बाद हटा दिया गया। पैलेस रोड के फुटपाथ से विस्थापित ये सभी वेंडर प्रभारी मंत्री से मिलने सर्किट हाउस पहुंचे। उन्होंने फिर से पैलेस रोड पर स्थापित करने की मांग की।
विधायक संयम लोढ़ा और जिला कलेक्टर ने कहा कि यूं उन्हें नहीं हटाते लेकिन, चिकित्सालय में हुइ घटना के बाद कुत्तों खाद्य पदार्थों से आकर्षित होकर कुत्तो को एकत्रिकरण रोकने के लिए ये कदम उठाया है। इसका उचित निराकरण किया जाएगा।
-रोका प्रभारी का रास्ता
सर्किट हाउस से प्रभारी मंत्री पीडि़त परिवार से मिलने चिकित्सालय में पहुंचे। यहां दरवाजे पर ही भाजपाइयों ने उनका काफिला रोक लिया। उन्हें ज्ञापन दिया। इसके बाद प्रभारी मंत्री ने पीडि़त महेन्द्र मीणा को मुख्यमंत्री सहायता कोष से जारी किया हुआ दस लाख रुपये का चेक दिया।