नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटरों अजीत आगरकर, चेतन शर्मा, मनिंदर सिंह और शिव सुंदर दास और अभय कुरुविला ने राष्ट्रीय चयन समिति में तीन रिक्त पदों के लिए आवेदन किया है। इसके साथ ही आगरकर और चेतन को चुने जाने की स्थिति में राष्ट्रीय चयन समिति को नया अध्यक्ष मिल सकता है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने जतिन परांजपे, देवांग गांधी और शरणदीप सिंह का सितंबर में कार्यकाल खत्म होने के बाद यह पद निकाले थे।आवेदन की अंतिम तिथि 15 नवंबर शाम छह बजे तक थी।
पश्चिम बंगाल के रणदेव बोस अंतर्राष्ट्रीय अनुभव न होने के बावजूद भी आवेदनकर्ताओं में शामिल हैं। उन्होंने 91 प्रथम श्रेणी मैचों में 317 विकेट लिए थे और कम से कम 30 प्रथम श्रेणी मैच खेलने के कारण वह इसके पात्र थे। वह हाल ही में बंगाल के गेंदबाजी कोच थे।
भारतीय टीम के पूर्व स्पिनर सुनील जोशी वर्तमान में चयनकर्ता प्रमुख हैं। परांजपे, देवांग गांधी और सरनदीप सिंह से सीनियर होने के कारण जोशी को चयनकर्ता प्रमुख बनाया गया था। पूर्व तेज गेंदबाज हरविंदर जोशी इस वर्ष मार्च में चयन समिति में शामिल किए गए दूसरे सदस्य थे।
जोशी और हरविंदर को एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा का फरवरी में कार्यकाल खत्म होने के बाद नियुक्त किया गया था।
बीसीसीआई के संविधान के अनुसार सबसे अधिक टेस्ट मैच खेले क्रिकेटर को ही समिति का अध्यक्ष बनाया जाता है।
इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि यदि बीसीसीआई मनिंदर या आगरकर में से किसी एक को नियुक्त करती है तो वह जोशी की जगह नया चयनकर्ता प्रमुख बन सकता है।
पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर 55 वर्षीय मनिंदर न केवल आवदेनकर्ताओं में सबसे वरिष्ठ हैं, बल्कि उनके पास सबसे अधिक 35 टेस्ट खेलने का अनुभव भी है। वहीं 40 वर्षीय अगरकर मुंबई के प्रमुख चयनकर्ता भी रह चुके हैं और उनके पास
अंतर्राष्ट्रीय खेल का अनुभव भी है। आगरकर ने 26 टेस्ट, 191 एकदिवसीय मैच और चार टी-20 खेले हैं। मौजूदा अध्यक्ष 50 वर्षीय जोशी ने 15 टेस्ट और 69 वनडे खेले हैं।
बीसीसीआई ने आवेदन के लिए जो न्यूनतम योग्यता रखी है उसमें आवेदनकर्ता को कम से कम सात टेस्ट मैच, 30 प्रथम श्रेणी मैच या 10 एकदिवसीय या फिर 20 एकदिवसीय मैच खेलने का अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा वह पांच वर्ष पहले संन्यास ले चुका हो आवेदनकर्ताओं की आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
बीसीसीआई ने 2017 में चयनकर्ताओं को चुनने के जोनल सिस्टम पर रोक लगा दी। इससे संभावित रूप से एक ही क्षेत्र से दो चयनकर्ताओं के आने की उम्मीद रहती है। अभी तक हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि बीसीसीआई इस नीति को अपनाएगा या नहीं। जैसे मनिंदर और चेतन उत्तरी क्षेत्र से आते हैं जबकि अगरकर और कुरुविला पश्चिम क्षेत्र से हैं।