मुंबई। चेन्नई सुपरकिंग्स को तीसरी बार आईपीएल खिताब दिलवाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने विपक्षी टीमों में युवा और अधिक फुर्तीले खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद अपने अनुभवी उम्रदराज़ चेहरों पर भरोसा जताया और चैंपियन बनने के बाद कहा कि उनके लिए उम्र केवल एक नंबर है और यह सफलता के लिए कोई पैमाना नहीं हो सकती।
चेन्नई सुपरकिंग्स ने मुंबई के वानखेड़े मैदान पर सनराइजर्स हैदराबाद को आठ विकेट से हराकर तीसरी बार इंडियन प्रीमियर लीग ट्वंटी 20 टूर्नामेंट का चैंपियन बना दिया। चेन्नई की टीम के लिए खिताबी मुकाबले में उसके अनुभवी 36 साल के आस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वाटसन मैन ऑफ द मैच बने जिन्होंने 11 चौकों और आठ छक्कों से सजी नाबाद 117 रन की मैच विजेता धुआंधार पारी खेली।
टीम की जीत में कप्तान और विकेटकीपर 36 साल के धोनी की अहम भूमिका है जो करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं और भारतीय टीम में कप्तानी के साथ टेस्ट क्रिकेट को भी छोड़ चुके हैं। इसके अलावा टीम को अहम मौकों पर जीत दिलाने में 33 साल के फाफ डू प्लेसिस और फाइनल में नाबाद 16 रन बनाने वाले 33 साल के अंबाटी रायुडू की भी अहम भूमिका रही है। रायुडू 16 मैचों में 602 रन के साथ चेन्नई के शीर्ष स्कोरर भी रहे हैं। वहीं 31 साल के सुरेश रैना (445) चौथे सबसे सफल स्कोरर रहे।
धोनी ने मैच के बाद अपने खिलाड़ियों की उम्र को लेकर कहा कि हमने खिलाड़ियों की उम्र को लेकर काफी बात की है, लेकिन मेरे हिसाब से आपकी फिटनेस अहम है। रायुडू 33 साल के हैं तो इससे क्या फर्क पड़ता है। उनका खेल उम्र से ज्यादा मायने रखता है। एक कप्तान के तौर पर मैं ऐसे खिलाड़ी चाहता हूं जो मैदान पर भाग सकें। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि वे 19-20 साल के हैं या ज्यादा के।
क्रिकेट के सबसे चतुर खिलाड़ी माने जाने वाले टीम के कप्तान ने कहा कि हम अपनी गलतियों से वाकिफ थे। यदि वाटसन डाइव करते तो वह निश्चित ही चोटिल हो जाते, हम ऐसा नहीं चाहते थे। हम इन बातों के बारे में जानते हैं। लेकिन मैं अभी भी मानता हूं कि उम्र केवल एक नंबर ही है। आपके लिये फिट रहना बहुत जरूरी है।
वर्ष 2010, 2011 और 2018 में अपनी टीम चेन्नई को चैंपियन बनाने वाले धोनी ने टूर्नामेंट में कमाल की बल्लेबाज़ी की और 16 मैचों में 150.66 के स्ट्राइक रेट से 455 रन बनाये जो टीम का तीसरा सर्वाधिक स्कोर रहा। इसमें तीन अर्धशतक भी शामिल हैं। उन्होंने साथ ही कहा “ बहुत से लोगों ने नंबर और आंकड़ों की बात की।
फाइनल 27 तारीख को हुआ, मेरी जर्सी का नंबर भी सात है और यह चेन्नई का सातवां फाइनल भी है, लेकिन प्रदर्शन से फर्क पड़ता है। हैदराबाद के खिलाफ मैच को लेकर उन्होंने कहा“ फाइनल तक पहुंचते पहुंचते हर खिलाड़ी को अपने खेल के बारे में पता होता है। हमने पहले फील्डिंग की और उसी हिसाब से योजना भी बनाई थी। इसके अलावा हमारे बल्लेबाज़ों ने कमाल का खेल दिखाया। लेकिन हमें पता था कि हैदराबाद के पास जितने राशिद खान खतरनाक हैं उतने ही भुवनेश्वर कुमार भी हैं।
धोनी ने कहा कि हैदराबाद के पास एक नहीं कई गेंदबाज़ हैं जो दबाव बना सकते थे। लेकिन हमें पता था कि मध्यक्रम में तो हमें आक्रामक खेल दिखाना है। हमारी ड्वेन ब्रावो को रायुडू से पहले भेजने की कोई योजना नहीं थी ताकि मध्यक्रम में हमारे पास अच्छे स्कोरर रहें।
कप्तान ने तीन खिताबों में से किसी एक को खास नहीं बताया और माना कि सभी उनके लिए अहम हैं। धोनी ने साथ ही कहा कि उनकी टीम अब चेन्नई जाकर अपने प्रशंसकों से मिलेगी और उनका धन्यवाद करेगी।