नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर दलाली मामले में कथित बिचौलिए और ब्रिटेन के कारोबारी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत अर्जी शनिवार को यहां की एक अदालत ने खारिज कर दी।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय जांच ब्यूराे और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने मिशेल की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इस वीवीआईपी हेलीकाप्टर घोटाले में मिली 4.227 करोड़ यूरो की दलाली को वैध बनाने के लिए माइकल ने अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 करार किए। इस मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 2002 के धन शोधन कानून के तहत मिशेल के खिलाफ कार्रवाई की थी।
इस मामले में मिशेल, गुइदो हास्की और गेरोसा कथित रूप से तीन बिचौलिए हैं जिनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जांच कर रही है।
मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और इसके बाद पिछले वर्ष पांच दिसंबर को पहली बार सीबीआई अदालत में पेश किया गया था तथा सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस वर्ष अप्रैल में जांच पूरी करने के बाद मिशेल और अन्य लोगों के खिलाफ दो हजार से अधिक पेजों की एक अनुपूरक चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में बचाव पक्ष का कहना है कि केन्द्र सरकार राजनीतिक लाभ के लिए जांच एजेंसी का इस्तेमाल कर रही हैं।
अदालत ने सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद दोनों जांच एजेंसियों के मामलों में मिशेल की जमानत अर्जी खारिज कर दी और यह भी कहा कि इस मामले में जमानत मंजूर करने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है।