अहमदाबाद। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई गुजरात की दो राज्यसभा सीटों पर पांच जुलाई को होने वाले उपचुनाव से पहले मुख्य विपक्षी दल 182 सदस्यीय विधानसभा में अपने कुल 71 में 62 विधायकों को लेकर आज एक रिसॉर्ट में ठहरा दिया।
इससे अगस्त 2017 में इन दोनों समेत कुल तीन राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए कथित खरीद फरोख्त से बचाने के लिए तब 40 से अधिक विधायकों को बेंगलूरू के निकट एक रिसाॅर्ट में रखे जाने की घटना की याद ताजा हो गई है।
हालांकि इस बार अंकगणित के लिहाज से दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों (केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और गुजरात भाजपा के ओबीसी मंच के नेता जुगलजी ठाकोर) की जीत पक्की मानी जा रही है पर गौरव पंडया और पूर्व मंत्री चंद्रिकाबेन चूडासमा को अपना प्रत्याशी बनाने वाली कांग्रेस फिर से क्राॅस वोटिंग की शर्मिंदगी से बचने के लिए अपने विधायकों को एकसाथ रख रही है।
पार्टी के साथ बगावती तेवर अपनाने वाले राधनपुर के विधायक अल्पेश ठाकोर और उनके करीबी विधायक धवल झाला तथा कांग्रेस के सदन में उपनेता शैलेश परमार समेत सात पार्टीभक्त विधायक आज उत्तर गुजरात में पालनपुर-आबू रोड पर स्थित बालाराम पैलेस रिसॉर्ट नहीं गए। परमार समेत सात विधायक कल वहां पहुंच जाएंगे। पहले समझा जा रहा था कि कांग्रेस अपने विधायकों को पार्टी के शासन वाले पड़ोसी राजस्थान के माउंट आबू के किसी रिसॉर्ट में ले जाएगी।
सभी 62 कांग्रेस विधायक यहां विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी के आवास पर जुटे और दोपहर बाद वहां से एक निजी लग्जरी बस में रवाना हुए। वे पहले अंबाजी मंदिर में पूजा करेंगे और उसके बाद रिसॉर्ट में रहेंगे।
धानाणी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव की जटिल प्रक्रिया के बारे में नए विधायकों को जानकारी देने के लिए एक कार्यशाला का भी वहां आयोजन किया जाएगा। सभी विधायक पांच जुलाई को विधासभा पहुंच कर वोट देंगे। कांग्रेस ने अल्पेश और झाला के घर पर भी व्हिप की नोटिस चस्पा कर उन्हें कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट देने की ताकीद की है।