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Ahmed Patel asked Modi's body language feeling that he scared alliance - मोदी की बॉडी लैंग्वेज से लग रहा है कि वह महागठबंधन से डर गये हैं- अहमद पटेल - Sabguru News
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मोदी की बॉडी लैंग्वेज से लग रहा है कि वह महागठबंधन से डर गये हैं- अहमद पटेल

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मोदी की बॉडी लैंग्वेज से लग रहा है कि वह महागठबंधन से डर गये हैं- अहमद पटेल
Ahmed Patel asked Modi's body language feeling that he scared alliance
Ahmed Patel asked Modi's body language feeling that he scared alliance
Ahmed Patel asked Modi’s body language feeling that he scared alliance

अहमदाबाद । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद तथा सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने आज कहा कि विपक्षी महागठबंधन के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान तथा हाल के उनके हाव-भाव (बाॅडी लैंग्वेज) से ऐसा लग रहा है कि वह इससे डर गये हैं।

पटेल ने आज यहां गुजरात कांग्रेस की विस्तृत कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने से पहले पत्रकारों से कहा कि जिस तरह से मोदी ने महागठबंधन के बारे में बोलना शुरू किया है उससे दिख रहा है कि उन्हें किसी प्रकार का डर है।

उन्होंने कहा, ‘यह डर आप उनके हाल के हावभाव में भी देख सकते हैं। भाजपा अध्यक्ष भी जो पहले यह कहते थे कि उनकी पार्टी 50 साल तक सत्ता में रहेगी वह हाल में हुए विधानसभा चुनावों में पराजय के बाद यह कहने लगे हैं कि अगर भाजपा अब हार गयी तो अगले 200 साल तक केंद्र में सत्ता में नहीं आ पायेगी। यह भी उनके डर को दर्शाता है। वे जानते हैं कि उन्होंने कुछ भी किया नहीं है और इसलिए जनता उनका समर्थन नहीं करेगी।’

पटेल ने कहा कि अब जब समान विचारधारा वाले दल गठबंधन बना रहे हैं तो भाजपा को डर और चिंता होनी ही चाहिए। उन्हे यह सोचना चाहिए कि क्यों हर कोई उनके खिलाफ है। बाद में उक्त बैठक में अपने संबोधन में पटेल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से गुजरात में लोकसभा की सभी 26 सीटों (जो पिछले चुनाव में भाजपा ने जीत ली थीं) में से अधिक से अधिक पर जीत के लिए तैयारी का आहवान करते हुए कहा कि 2014 का माहौल अलग था और अब 2019 में माहौल अलग है।

भाजपा सरकार ने देश और गुजरात को बर्बाद कर दिया है। देश की सुरक्षा बदहाल है, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ी है। देश पर 82 लाख करोड़ और गुजरात पर तीन लाख करोड़ रूपये का कर्ज हो गया है। ये लोग झूठी बातें और वायदे कर सरकार में आ गये। इन लोगों ने देश को 25 साल पीछे धकेल दिया है।

पटेल ने कहा कि इस सरकार में मेक इन इंडिया और ऐसे अन्य नारे भी जुमले ही साबित हुए हैं। देश में जरूरत की सारी चीजें बाहर से मंगायी जा रही हैं। इस सरकार ने 59 मिनट में रिण दिलाने के लिए मात्र 11 माह पुरानी गुजराती कंपनी को काम दे दिया। सरकार सभी ठेके ऐसी ही कंपनियों को दिला रही है जैसा की राफेल विमान सौदे के मामले में भी हुआ है।

सरकार ने बहादुर बच्चों को दिये जाने वाले पुरस्कार की पंरपरा को भी समाप्त कर दिया है और इस मामले में भी आरएसएस से जुड़े एक एनजीओ की सेवाएं लेने का फैसला किया है। केवल प्रचार पर 6000 करोड़ रूपये इस सरकार ने खर्च किये हैं जबकि इस राशि से किसानों गरीबों और आदिवासियों के लिए काफी कुछ किया जा सकता था।

पटेल ने कहा कि जिस गुजरात मॉडल के नाम पर भाजपा चुनाव जीती उसका क्या मतलब है। गुजरात में सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग होता है। यहां विकास का मतलब गरीबों और अन्य जरूरतमंदों के लिए काम नहीं केवल रिवरफ्रंट और गिफ्ट सिटी वगैरह है और गिफ्ट सिटी में कैसा भ्रष्टाचार हुआ है यह सभी जानते हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इससे पहले के चुनाव की तुलना में 48 लाख अधिक मत मिले। गुजरात की 102 ग्रामीण सीटों में से 62 पर जीत हासिल की। पार्टी को शहरी क्षेत्र में प्रदर्शन सुधारने की जरूरत है और इसके लिए जमीनी स्तर पर लोगों को जोड़ना होगा।

पटेल ने कहा कि पहले भाजपा वाले कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते थे और अब विधानसभा चुनावों में हार के बाद यह कहने लगे हैं कि वे कांग्रेसी संस्कृति को बदलना चाहते हैं। जबकि हकीकत यह है कि आजादी की लड़ाई और देश को आर्थिक आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कांग्रेस की संस्कृति के चलते देश एकजुट है।

कांग्रेस ने देशहित के लिए कई बार अपनी सरकारों का भी बलिदान कर दिया पर भाजपा की संस्कृति विपक्षी सरकारों को किसी तरह गिरा कर अपनी सरकार बनाने की है। हाल में कर्नाटक में भी ऐसा ही प्रयास चल रहा है और उसमें भाजपा का कौन सा नेता थैली मेें पैसे भर कर मुंबई गया था यह बताने की जरूरत नहीं है।