हैदराबाद अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन (एआईबीईए) ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा को ‘गलत समय’ पर लिया गया ‘गलत फैसला’ बताया है।
एआईबीईए के महासचिव वेंकटचलम ने यूनीवार्ता से कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों (पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉपोरेशन बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और आंध्र बैंक) के विलय के फैसले की समीक्षा करने की जरुरत है।
उन्होंने कहा, “ इस फैसले का मतलब है कि अब छह बैंक बंद हो जाएंगे। सरकार इसे विलय कह सकती है लेकिन वास्तव में यह छह बैंकों की ‘निर्मम’ हत्या है क्योंकि वर्षों में बने ये छह बैंक विलय के बाद बैंकिंग परिदृश्य से गायब हो जाएंगे।”
वेंकटचलम ने एआईईबीए बैनर के अंदर के बैंक कर्मचारियों से छह बैंकों के बंद करने के फैसले का विरोध करने का आह्रान करते हुए कहा, “हम जल्द ही आंदोलन और हड़ताल शुरू करेंगे।”