नई दिल्ली। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार इसमें अपनी 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। एयरलाइन की छह में से दो इकाइयों एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड तथा एयर इंडिया एसएटीएस का भी विनिवेश किया जाएगा जबकि अन्य चार इकाइयों की हिस्सेदारी नहीं बेची जाएगी।
सरकार ने आज एयर इंडिया के विनिवेश के लिए अभिरुचि पत्र के लिए प्राथमिक सूचना दस्तावेज जारी किया। इसमें बताया गया है कि हिस्सेदारी खरीदने की इच्छुक कंपनियों के लिए अभिरुचि पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 14 मई रखी गई है।
प्रारंभिक सूचना के अनुसार एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड का कुल कर्ज और देनदारियाँ 33,392 करोड़ रुपये है जिसमें 8,816 करोड़ रुपये तत्कालिक देनदारी है। इन ऋणों में से यथासंभव 31 मार्च 2017 के बाद के भौतिक करोबार विकास जैसे विमानों की खरीद या उनकी प्राप्ति आदि के संदर्भ में समायोजित किया जाएगा।
शेष ऋण को ऋणदाताओं की मंजूरी के साथ एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड के खाते में स्थानांतरित कर दिया जायेगा जो भारत सरकार की शत-प्रतिशत स्वामित्व वाली इकाई होगी। इस प्रकार इसका बोझ केंद्र सरकार वहन करेगी।
भविष्य में यदि एयर इंडिया या एयर इंडिया एक्सप्रेस का ऋण बढ़ता है तो वह उन कंपनियों के साथ बना रहेगा और उसे सरकार अपने ऊपर नहीं लेगी। हालाँकि, आयकर, सीमा शुल्क तथा केंद्र सरकार को मिलने वाला सेवा कर का हिस्सा और उसके द्वारा लगाए जाने वाले गारंटी शुल्क या जुर्माने को सरकार बाद में पूरी तरह या आंशिक रूप से माफ कर सकती है।
विनिवेश प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। अभिरुचि पत्र के आधार पर प्रारंभिक चरण के सफल बोली प्रदाताओं के नाम 28 मई को सामने आएंगे। सिर्फ वहीं कंपनियां एयर इंडिया की हिस्सेदारी खरीदने के लिए पात्र होंगी जिनका नेटवर्थ पांच हजार करोड़ रुपए या इससे अधिक है और पिछले तीन वित्त वर्ष के दौरान लगातार मुनाफे में रही हों।
प्राथमिक सूचना दस्तावेज में कहा गया है कि एयर इंडिया की प्राधिकृत पूंजी तीन सौ करोड़ रुपये है और चुकता पूंजी 267.53 करोड़ रुपए है। दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि कर्मचारियों के 1,298.2 करोड़ रुपए के बकाये का भुगतान विनिवेश प्रक्रिया पूरी होने से पहले कर दिया जाएगा।
एयर इंडिया के साथ उसकी जिन इकाइयों का विनिवेश होना है उसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड पश्चिम तथा दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों के लिए तथा कुछ घरेलू मार्गों पर भी सेवाएं देती है। इसमें एयर इंडिया की शत प्रतिशत हिस्सेदारी है।
एआईएसएटीएस में एयर इंडिया की 50 प्रतिशत और सिंगापुर चांगी एयरपोर्ट्स (एसएटीएस) की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु, त्रिवेंद्रम और मेंगलुरु हवाई अड्डों पर कार्गो हैंडलिंग सेवा देती है।
एयर इंडिया की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईएटीएसएल) और एयर इंडिया अलाइड सर्विसेज लिमिटेड (एएएसएल) तथा 80.3 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की हिस्सेदारी नहीं बेची जाएगी।
इन कंपनियों को उनकी देनदारियों या लेनदारियों समेत एयर इंडिया से अलग कर या अन्य किसी भी प्रक्रिया के जरिये विनिवेश प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही नयी इकाई बनाकर उसके अधीन कर दिया जाएगा। एआईएटीएसएल ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो हैंडलिंग सेवाएं देती है। एएएसएल अलायंस एयर के नाम से छोटे तथा मझौले शहरों के बीच सेवा प्रदान करती है।