टूलूज | विमान निर्माता कंपनी एयरबस ने उसके नये वाइडबॉडी विमान ए330निओ को एयरलाइन ऑपरेशन में उतारने से पहले प्रमाणन के अंतिम चरण के तहत इसके वैश्विक टूर की घोषणा की है।
कंपनी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रमाणन के लिए परिचालन एवं विश्वसनीयता परीक्षण – जिसे ‘रूट प्रूविंग’ के नाम से भी जाना जाता है – के तहत विमान को दुनिया के 15 बड़े हवाई अड्डों के टूर पर भेजा जायेगा जिसमें यह 150 घंटे का फ्लाइट टेस्ट पूरा करेगा। इन परीक्षण में डायवर्जन हवाई अड्डों पर लैंडिंग और हवाई अड्डा हैंडलिंग सेवाओं की जाँच भी शामिल है।
ए330-900 विमान ने सबसे पहले इस साल 15 मई को उड़ान भरी थी जिसमें उड़ान के दौरान केबिन सिस्टम आदि की जाँच की गयी थी। ‘रूट प्रूविंग’ परीक्षण विमान के टाइप प्रमाणन का अंतिम चरण होता है। किसी विमान के टाइप प्रमाणन के बाद ही उसे वाणिज्यिक परिचालन में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस चरण तक विमान को विकास के चरण में ही माना जाता है।
आज दो ए330-900 विमानों का एयरबस संयंत्र में ही परीक्षण शुरू किया गया। संयंत्र के भीतर ही ये एक हजार घंटे की उड़ान पूरी करेंगे। ए330 निओ श्रंखला में एयरबस दो संस्करणों ए330-900 और ए330-800 का विकास कर रही है। उसका दावा है कि ए330 विमानों की तुलना में ए330 निओ विमानों की प्रति सीट ईंधन खपत 25 प्रतिशत कम है और वे 1,500 समुद्री मील (करीब 2,778 किलोमीटर) की ज्यादा दूरी तय करने में सक्षम हैं। ए330निओ विमानों में रॉल्स रॉयस कंपनी के ट्रेंट7000 इंजन लगे हुये हैं।