नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में कार्ति चिदंबरम की 16 अप्रेल तक के लिए अग्रिम जमानत शनिवार को मंजूर कर ली।
विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने कार्ति की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर की और निर्देश दिया कि वह बिना अदालत की इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकते। अदालत ने कहा कि इस दौरान जांच अधिकारी के तलब करने पर कार्ति को पेश होना पड़ेगा।
इससे मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय को अग्रिम जमानत पर अपना जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय मिल गया है।
कार्ति के वकील ने दलील दी कि एयरसेल-मैक्सिस मामले में कार्ति के विरुद्ध न तो कोई आरोप है और न ही इस बात के सबूत हैं कि वह विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के अधिकारियों को जानते थे। उन्होंने कहा कि अगर अदालत उनकी जमानत याचिका मंजूर करती है तो वह सभी शर्तें मानने के लिए तैयार हैं।
उनके वकील ने कहा कि कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया से जुड़े अन्य मामलों में भी सहयोग किया है और इस बात का सवाल ही नहीं उठता है कि वह देश छोड़कर भाग जाएंगे या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे।
कार्ति ने अदालत से गिरफ्तारी पर रोक की अपील की थी। इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने क्रमश: 2011 और 2012 में मामले दायर किये थे। यह मामला मेसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशंस होल्डिंग्स सविर्सिज लिमिटेड को एयरसेल में निवेश के लिये एफआईपीबी की मंजूरी देने से जुड़ा है।