पटना। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ज्येष्ठ पुत्र एवं विधायक तेजप्रताप यादव गुरुवार को अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय के खिलाफ दाखिल किए गए तलाक के मुकदमे में राजधानी पटना के परिवार न्यायालय में हाजिर हुए।
परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश उमाशंकर द्विवेदी के न्यायकक्ष में यादव की उपस्थिति को लेकर भीड़ इकट्ठी हो गई। यादव की ओर से उनके वकील ने एक आवेदन दाखिल कर मामले की सुनवाई बंद कमरे में किए जाने की प्रार्थना की, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने अपने चेंबर में उनके मामले की सुनवाई की।
अदालत ने मामले को स्वीकार करने के बिंदु पर दाखिल किए गए आवेदन पर सुनवाई के बाद मामले में 8 जनवरी 2019 की अगली तिथि निश्चित करते हुए उनकी पत्नी के नाम नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। अगली तिथि को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मामले को स्वीकार करने के बिंदु पर निर्णय दिया जा सकता है।
गौरतलब है कि विधायक यादव ने पत्नी ऐश्वर्या राय के खिलाफ इस वर्ष 31 अक्टूबर को परिवार न्यायालय में तलाक का मुकदमा दायर कराया था। कानूनी प्रावधान के तहत विवाह की तिथि से एक वर्ष के अंदर तलाक का मुकदमा दाखिल करने पर विशेष परिस्थिति में ही मुकदमा स्वीकार किया जा सकता है।
यादव की ओर से एक वर्ष की अवधि के पूर्व ही मामले को स्वीकार करने के लिए अलग से एक आवेदन भी दाखिल किया गया था। इस आवेदन पर सुनवाई के बाद अदालत ने आगे की सुनवाई दोनों पक्षों की मौजूदगी में करने के लिए ऐश्वर्या राय को नोटिस जारी किया है।
अदालत में यादव की उपस्थिति को लेकर मीडियाकर्मी, उनके समर्थकों और आम लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। न्यायालय से निकलने के बाद वापस लौटते समय मीडियाकर्मियों की भीड़ से उन्हें गुजरना पड़ा। कई बार भीड़ अनियंत्रित भी हुई, जिससे न्यायालय परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी मशक्कत से संभाला।