नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अजेय भारत’ और ‘अटल भाजपा’ के नए नारे देते हुए कहा कि बीजेपी के सामने 2019 में कोई चुनौती नहीं है तथा पार्टी लोकसभा चुनाव अपनी नीति, नेतृत्व, विकास कार्यक्रमों और देश के सवा सौ करोड़ लोगों के विश्वास के बदौलत जीतेगी।
मोदी ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता अहंकार की वस्तु नहीं है। यह कुर्सी के लिए नहीं बल्कि जनता के लिए काम करने का उपकरण है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संकल्प के लिए जीती है और हमारे पास नीति और रणनीति है।
उन्होंने कहा कि उन्हें अगले चुनाव के लिए कोई चुनौती नज़र नहीं आ रही है। लोकतंत्र में विपक्ष महत्वपूर्ण है। उनके सवाल और सत्ता की जवाबदेही होना लोकतंत्र की ताकत है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो पार्टी सत्ता में विफल हो गई वह विपक्ष में भी विफल साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष सही मुद्दे नहीं उठा पा रहा है। हम चाहते हैं कि विपक्ष हमारे वैचारिक अधिष्ठान और काम पर सवाल पूछे तो हम भी 48 साल एक परिवार के शासन और 48 माह हमारे शासन के बारे में सवाल पूछें कि उसने 48 साल में क्या किया और क्यों किया, उसका मकसद क्या था और उसने क्या पाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुद्दे उठाने की बजाय झूठे आरोप लगा रही है और उसी को दोहरा रही है। विपक्ष के इस झूठ के तंत्र को तोड़ना है।
उन्होंने कहा कि वे न मुद्दों पर लड़ते हैं और न काम पर लड़ते हैं। वे झूठ पर लड़ते हैं। झूठ गढ़ना उनकी आदत बन गई है। हमें झूठ से लड़ना नहीं आता है लेकिन अब हमे झूठ का जवाब देना आना चाहिए। हमें तर्कों और तथ्यों के आधार पर कांग्रेस के झूठ को बेनकाब करना चाहिए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे तथ्यों के साथ जाएं, विश्वास के साथ लोगों को सही बात बताएं।
मोदी ने विपक्ष के महागठबंधन की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो एक दूसरे को देख नहीं सकते, साथ चल नहीं सकते, वे एक दूसरे को गले लगाने को मजबूर हो रहे हैं, यही हमारी सफलता है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के ना तो नेतृत्व का पता है और ना ही इसकी नीति स्पष्ट है। उसकी नीयत भी भ्रष्ट है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व को कोई स्वीकार करने को तैयार नहीं है। यहां तक कि छोटे दल भी नहीं। कुछ लोग तो कांग्रेस नेतृत्व को बोझ तक मानते हैं। यहां तक कि कांग्रेस के भीतर भी कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन यानी नेतृत्व का ठिकाना नहीं, नीति अस्पष्ट और नीयत भ्रष्ट।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की सबका साथ सबका विकास की नीति की दुनिया भर में चर्चा हाे रही है। उन्होंने सरकार के अनेक विकास कार्यक्रम गिनाते हुए कहा कि यह नीति सफल हो रही है। उन्होंने कहा कि हम विकास को मानवीयता के साथ चाहते हैं।
देश ममता और समता के साथ आगे बढ़े। हम देश का वैभव सादगी के धरातल पर ही चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम विजय का विश्वास लेकर चल पड़े हैं। हमारे साथ 125 करोड़ लाेगों का विश्वास है और विपक्ष में विश्वसनीयता का अभाव है।