जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने से पहले राज्य में नए मुख्यमंत्री को लेकर रविवार को आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने के बाद गहलोत खेमे के विधायकों के शर्ते रख देने से अभी कोई फैसला नहीं हो पाया हैं।
इस मामले में दिल्ली से आए कांग्रेस पर्यवेक्षक एवं पार्टी प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने आज मीडिया से कहा कि रविवार को इस मामले में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने पर उन्हें वन टू वन विधायकों की बात सुनने के आलाकमान के निर्देश थे लेकिन देर रात तक बैठक में नहीं आए। विधायकों की तरफ से आए तीन सदस्यों ने इसके लिए तीन शर्ते रखी कि इसके लिए भले ही प्रस्ताव पास किया जाए लेकिन इस पर फैसला आगामी 19 अक्टूबर के बाद किया जाए और यह सार्वजनिक रुप से कहना पड़ेगा।
उनकी दूसरी शर्त यह थी कि पर्यवेक्षकों से बात करने के लिए विधायक वन टू वन नहीं आकर समूह में आएंगे और तीसरी शर्त यह रखी कि नया मुख्यमंत्री का चयन उन 102 लोगों में से किया जाए जो सियासी संकट में अशोक गहलोत के साथ थे। सचिन पायलट और उनके समर्थित विधायकों में से नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमने उनसे कहा कि एक-एक विधायक की बात सुनी जाएगी और उनकी बात आलाकमान को बताई जाएगी और सबको सुना जाएगा लेकिन वे अपनी शर्तों पर ही जोर दिया। उन्होंने कहा कि बाद में इन शर्तों पर विधायकों से बात करने के लिए मना कर दिया गया, क्योंकि 75 वर्ष के कांग्रेस के इतिहास में शर्तों के आधार पर आज तक कोई प्रस्ताव पास नहीं हुआ जबकि एक लाइन में प्रस्ताव होता हैं और कांग्रेस अध्यक्ष उस पर फैसला लेता है। उन्होंने कहा कि अब वे वापस दिल्ली जा रहे हैं और इस संबंध में रिपोर्ट आलाकमान को सौंपेंगे और आलाकमान सबकी बात सुनकर फैसला लेंगे।
एक सवाल के जवाब में अजय माकन ने कहा कि राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के घर जुटे कितने कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफे दिए, इसका कोई आइडिया नहीं है। इस्तीफा दिया या नही, कौन-कौन विधायक थे यह मालूम नहीं, यह कांग्रेस विधायक थे। उन्होंने कहा कि सबके साथ बैठकर आगे का रास्ता निकालेंगे।
कांग्रेस विधायक बैठक बुलाने के बाद इसमें नहीं आकर धारीवाल के घर बैठक करने के मामले में माकन ने कहा कि यह अनुशासनहीनता तो है। उन्होंने कहा कि यह प्राथमिक दृष्टि से अनुशासनहीनता हैं और ऑफिसियल मिटिंग के बावजूद अनऑफिसियल बैठक बुलाना अनुशासनहीता हैं। अब देखेते है कि आगे क्या कार्यवाही होती है। उन्होंने कहा कि सबसे मिलकर काम करना चाहिए और इस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी महंगाई, बेरोजगारी आदि को लेकर भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे है ऐसे में उनके हाथ मजबूत करने काम किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि रविवार को नए मुख्यमंत्री पर विधायकों से रायशुमारी करने के लिए बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक गहलोत खेमे के विधायकों के नहीं आने से नहीं हो पाई और इसके बाद कांग्रेस पर्यवेक्षकों के विधायको से वन टू वन बातचीत करने का प्रयास भी विफल हो गया।
राजस्थान में स्थिति के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी जाएगी रिपोर्ट : खड़गे
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर बुलाई गई कांग्रेस विधायक बैठक नहीं हो पाने एवं यहां की स्थिति के बारे में रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंपी जाएगी।
इस मामले में कांग्रेस पर्यवेक्षक के रुप में जयपुर आए खड़गे ने आज दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से कहा कि इस मामले में जो कुछ भी होगा, वह यहां की स्थिति के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष को बताई जाएगी और जो अध्यक्ष का फैसला होगा वह मानना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासन भी होना चाहिए एवं पार्टी मजबूत एवं एकता भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष जो कहेंगे वह सबको मानना पड़ेगा।
गहलोत के उनसे मिलने के सवाल पर खड़गे ने कहा कि उनके दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिष्टाचार के रुप में उनसे मिले हैं। उन्होंने कहा कि मैंने ही फोन किया कि मैं दिल्ली जा रहा हूं, तब उन्होंने कहा कि मैं खुद आकर मिलता हूं।