नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अजीत डोभाल को एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है और इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और इसे 31 मई से प्रभावी माना जाएगा। सरकारी आदेश में कहा गया है कि डोभाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल या अगले आदेश जो भी पहले हो तक इस पद पर बने रहेंगे। आदेश में यह भी कहा गया है कि डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। नई सरकार में उन्हें दोबारा यही जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभवत यह पहला मौका है जब किसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
डोभाल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार रहते हुए ही सेना ने उरी आतंकवादी हमले के बाद सीमा पार जाकर आतंकवादी ठिकानों पर सफलतापूर्वक सीमित कार्रवाई की थी। इसके बाद गत फरवरी में वायु सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निकट बालाकाेट में आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के ठिकानों पर बमबारी कर उन्हें ध्वस्त किया था। ये दोनों सर्जिकल स्ट्राइक पूरी तरह सफल रही हैं।
डोभाल 1968 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं और उन्होंने ज्यादातर समय गुप्तचर ब्यूरो में ही कार्य किया और बाद में उसके प्रमुख भी बनें। उन्होंने काफी समय तक पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में भी काम किया। वह पहले पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।