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अजीत जोगी विधायक पत्नी को ही अपनी पार्टी में नहीं करा सके शामिल
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अजीत जोगी विधायक पत्नी को ही अपनी पार्टी में नहीं करा सके शामिल

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अजीत जोगी विधायक पत्नी को ही अपनी पार्टी में नहीं करा सके शामिल
Ajit Jogi said his wife renu jogi will fight election from congress
Ajit Jogi said his wife renu jogi will fight election from congress
Ajit Jogi said his wife renu jogi will fight election from congress

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अगली सरकार बनाने का दावा कर रहे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अजीत जोगी ने रविवार को स्वीकार किया कि वह अपनी विधायक पत्नी डा.रेणु जोगी को कांग्रेस छोड़ने के लिए राजी करने में विफल हो गए।

जोगी ने यहां डा. जोगी के चुनाव लड़ने को लेकर ऊहापोह के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उऩ्हें पूरा यकीन था कि वह अपनी पत्नी डा. जोगी को अपनी पार्टी में शामिल करने में कामयाब होंगे और इसका दावा भी सार्वजनिक रूप से करते रहे हैं कि वह उनके साथ ही राजनीति करेंगी पर वह उन्हें कांग्रेस को छोड़ने पर राजी करने में विफल रहे।

उन्होंने कहा कि सोनिया जी से सम्बन्धों के चलते वह कांग्रेस नहीं छोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि तीन बार की वह विधायक है, डाक्टर हैं तो उऩ पर जबरिया अपनी राय थोप नहीं सकते। वह अपना राजनीतिक निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि इसमें झटका लगने वाली कोई बात नहीं है, देश में कई परिवार है जोकि अलग अलग दलों में राजनीति करते हैं।

दूसरी ओर अपने चुनाव क्षेत्र में पिछले दो दिनों से दौरे पर गई डा.जोगी ने कहा कि वह कांग्रेस में ही रहेंगी, यह हमेशा कहती रही है और कांग्रेस से ही फिर टिकट मांगेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने ब्लाकों पर आवेदन देने का इस बार नियम बनाया है। वह पेन्ड्रा में है और आज ही वह ब्लाक कांग्रेस से आवेदन लेंगी।

डा.जोगी ने कहा कि उनकी निष्ठा कांग्रेस के प्रति एवं गांधी परिवार के प्रति हमेशा रही है। उनकी विचारधारा में पली बढ़ी है, इस कारण उन्होंने कांग्रेस को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार एवं सोनिया जी का बड़ा स्नेह उनके साथ रहा है और उन्होंने उनके परिवार को बहुत कुछ दिया इसलिए वह पार्टी नही बदल सकती। इससे उनके पति जोगी जी द्वारा बनाई नई पार्टी पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर उऩ्होंने कोई टिप्पणी नही।

उन्होंने कहा कि जोगी जी ने नई पार्टी बनाई लेकिन वह कभी भी उनकी पार्टी से न तो जुड़ी न ही कोई राजनीतिक सम्बन्ध रखा। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भी नहीं कह सकते कि कि कभी भी उऩ्होंने पार्टी अऩुशासन को तोड़ा या फिर किसी आदेश निर्देश का उल्लघंन किया।

डा.जोगी रायपुर मेडिकल कालेज में नेत्र विभाग की विभागाध्यक्ष रहीं। वह 2004 में पति अजीत जोगी के लोकसभा चुनाव के दौरान सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद इस्तीफा देकर उनके प्रचार के लिए राजनीति में आई थी। चुनाव के बाद उऩ्होंने फिर नौकरी के लिए आवेदन दिया, लेकिन सरकार ने उसे स्वीकार नही किया। उसके बाद कोटा विधानसभा सीट से विधायक रहे राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर वह उप चुनाव में विधायक निर्वाचित हुई थी।

कोटा विधानसभा सीट से ही बाद में वह 2008 एवं 2013 में निर्वाचित हुई। डा.जोगी के कांग्रेस में बने रहने और टिकट के लिए आवेदन करने से जनता कांग्रेस से ज्यादा कांग्रेस में ही संशय की स्थित बनना तय है। कांग्रेस में नेताओं का एक बड़ा खेमा है जोकि डा.जोगी के कांग्रेस छोड़ने का इंतजार करता रहा है। ताजा घटनाक्रम पर कांग्रेस में उनके विरोधियों का मानना है कि डा.जोगी का कांग्रेस में बने रहना चुनावों के बाद की उनके पति जोगी की रणनीति का हिस्सा है।