अजमेर। राजस्थान में अजमेर नगर निगम सहित जिले की चार अन्य निकायों में नवनियुक्त 23 सहवृत सदस्य (पार्षद) अगले 47 दिनों में ही निवृत्त हो जाएंगे।
राज्य सरकार ने अजमेर, किशनगढ़, केकड़ी, सरवाड़ और विजयनगर में निकाय चुनाव से ठीक पहले 23 कांग्रेसजनों को मनोनीत किया है, लेकिन ये सभी 17 अगस्त के पहले स्वाभाविक रूप से निवृत्त हो जाएंगे क्योंकि उक्त पांचों निकायों का कार्यकाल 17 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है।
अजमेर नगर निगम में छह सदस्यों को सहवृत सदस्यों के रूप में नियुक्ति दी गई है, जिनमें महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सबा खान, पूर्व पार्षद रहे शेलेन्द्र अग्रवाल, अशोक जैन, विपिन बेसिल, मन्नवर खान कायमखानी एवं ऋषि घारू हैं। इनमें से तीन पहले भी पार्षद रहे चुके हैं।
निगम में वर्तमान में भाजपा बोर्ड का वर्चस्व है और महापौर के पद पर धर्मेंद्र गहलोत आसीन है जिन पर अनियमितता के आरोप उनके ही पार्टी के एक पार्षद ने साधारण सभा में लगाया है। उसकी जांच के बाद अंतिम निर्णय भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को लेना है।
कल सहवृत सदस्यों की नियुक्ति के बाद राजनीतिक खेमे में इस बात की भी चर्चा चल पड़ी है कि सरकार ने इतने अल्प समय के लिए नियुक्तियां देकर क्या संदेश देना चाहा है?
भाजपा खेमा तो यह भी कह रहा है कि अब जब निकाय चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है और राज्य निर्वाचन आयोग ने इस रौशनी में कई आरएएस अधिकारियों के तबादले स्थगित करने के आदेश दिए हैं तो फिर इन राजनीतिक नियुक्तियों पर आयोग का क्या रुख है साफ होना चाहिए।