अजमेर। राजस्थान में अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स की धार्मिक रस्में विश्व विख्यात दरगाह शरीफ में आज रात से शुरू होने के साथ ही उर्स का औपचारिक आगाज हो जाएगा।
मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार उर्स एक से छह रजब तक यानि दो मार्च को कुल की रस्म के साथ सम्पन्न होगा। चांद रात के बावजूद बीती रात रजब महीने का चांद दिखाई न देने के कारण स्वतः ही आज रात से उर्स की रस्में रात में मगरीब की नवाज के बाद से शुरु होगी। रात में दरगाह में शादियानें बजाकर एवं पीर साहब की पहाड़ी से तोप का गोला दाग कर उर्स का आगाज होगा।
रात में ही दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन की सदारत में पहला गुस्ल दिये जाने के साथ ही दरगाह स्थित ऐतिहासिक महफिल खाने में शाही कव्वाली का आयोजन होगा। यह सिलसिला छह दिनों तक चलेगा। चांद नहीं दिखने पर रात बंद किए गए जन्नती दरवाजे को आज तड़के साढ़े चार बजे पुनः आम जायरीनों के लिए खोल दिया गया। उर्स को देखते हुए अकीदतमंदों ने आस्ताना शरीफ में चादर चढ़ाना शुरू कर दिया है। दरगाह में जायरीनों की भीड़ का आलम देखा जा सकता है।
आने वाले कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से चादर पेश करने केन्द्रीय मंत्री मुखतार अब्बास नकवी अजमेर आ रहे हैं। दूसरी ओर जिला प्रशासन पाकिस्तानी जायरीनों के जत्थे के सम्भावित अजमेर आगमन को लेकर सजग हो गया है। पुलिस का खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है। पाकिस्तान के जत्थे की 29 फरवरी को आने की संभावना जताई जा रही है।