अजमेर। अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 808वां सालाना उर्स रजब का चांद दिखाई देने पर अगले महीने शुरू हो जाएगा।
उर्स से पहले जमादि उल आखिर के महीने में चांद की पच्चीस तारीख को उर्स का झंडा चढ़ाए जाने की परंपरा है। इस हिसाब से 19 अथवा 20 फरवरी को उर्स के झंडे की रस्म अदा किया जाना सुनिश्चित है। भीलवाड़ा का लाल मोहम्मद गौरी परिवार के वंशज दरगाह शरीफ स्थित 85 फुट ऊंचे बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म अदा कर उर्स का आगाज करेंगे।
उर्स के झंडे की रस्म के साथ ही देश विदेश के हजारों जायरीनों का अजमेर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। उर्स में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों से बड़ी संख्या में जायरीन अजमेर पहुंचते हैं।
उर्स में धार्मिक रस्में परंपरागत तरीके से निभाई जाती है और चांद दिखाई देने पर रजब की एक से छह तारीख तक छह दिवसीय उर्स आयोजित होगा लेकिन जुम्मे की नमाज 28 फरवरी शुक्रवार को आयोजित होगी।