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कोरोना पर अजमेर प्रशासन सख्त, ये गलतियां की तो बख्शे नहीं जाएंगे - Sabguru News
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कोरोना पर अजमेर प्रशासन सख्त, ये गलतियां की तो बख्शे नहीं जाएंगे

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कोरोना पर अजमेर प्रशासन सख्त, ये गलतियां की तो बख्शे नहीं जाएंगे

अजमेर। कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस महामारी से बचाने और इसकी प्रभावी रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए है। कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने लॉक डाउन की स्थिति को देखते हुए इन दिशा निर्देशों की सख्ती से पालना कराने को कहा है।

कलक्टर शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाईजरी की पूरे जिले में सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, व्यक्ति समूह, संस्था अथवा कम्पनी द्वारा लॉकडाउन या सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लघन करता पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

कोविड-19 वायरस महामारी के संक्रमण बाबत सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करता है या भ्रामक जानकारी प्रसारित करता है, झूठा क्लेम करता है या झूठे संदेश प्रसारित करता है, जिसमें इस महामारी के बारे में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो तो उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 188, 270,505 भादसं तथा धारा 52 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही की जाएगी।

इसी तरह कोविड-19 वायरस से संक्रमित व्यक्ति के क्वारेनटाइन संबंधी उसकी मोनिटरिंग संबंधी तथा उसके क्वारेनटाइन का उल्लंघन करने पर की जाने वाली कार्यवाही संबंधी निर्देश भी जारी किए गए है। यदि किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह, संस्था, कम्पनी आदि द्वारा लॉकडाउन या सरकार द्वारा समय समय पर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों को तथा धारा 144 सीआरपीसी का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ धारा 188 भादसं के तहत कार्यवाही की जा सकती है। यदि कोई कोविड-19 वायरस महामारी के संक्रमण को लापरवाहीपूर्वक फैलाने का या संक्रमण को रोकने के उपायों की उपेक्षा करेगा, तो उसके खिलाफ धारा 269 भादसं के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

यदि कोई कोविड-19 वायरस महामारी के संक्रमण को जानबूझकर फैलाने का कार्य करेगा तो उसके खिलाफ धारा 270 भादसं के तहत कार्यवाही की जा सकती है। यदि कोई क्वारेनटाइन रूल का जानबूझकर उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ धारा 271 भादसं के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, अद्र्धसैनिक बलों के कर्मचारियाें, होमगार्ड, सफाई कर्मचारियों आदि के साथ मारपीट करता है या उसके, उनके राजकार्य में बाधा पहुंचाता है, तो धारा 186, 332, 353 भादसं आदि एवं धारा 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

यदि कोई व्यक्ति किसी भी अस्पताल कर्मी (चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, लैब टैक्निशियन, सफाई कर्मचारी आदि) से दुर्व्यवहार, मारपीट करता है या उनके कार्य में बाधा पहुंचाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है। लॉकडाउन के दौरान यदि कोई दुकानदार काला बाजारी करता है या किसी वस्तु को अंकित मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक सेवा वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने बताया कि यदि कोई लॉकडाउन के दौरान धार्मिक भावनाएं भड़काता है या धार्मिक उन्माद पैदा कर जनता को ठेस पहुंचाता है, तो उसके खिलाफ धारा 153(क) तथा 295 के भादसं के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि यदि कोई ऎसी झूठी चेतावनी या झूठी धमकी देता है, जिसमे आमजन में कोविड-19 वायरस महामारी के संक्रमण के बाबत आंतक एवं भय की स्थिति उत्पन्न होती है, तो उसके खिलाफ धारा 188 भादसं एवं धारा 54 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

लॉकडाउन के दौरान कोई कम्पनी, संस्था सरकारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करती है, तो उल्लंघन के समय कार्यरत जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ धारा 188 भादसं एवं धारा 58 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

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