अजमेर। कोरोना महामारी में आमजन को मिलने वाली सहायता में भेदभाव एवं मनरेगा का समय बदले जाने जैसे कई मुद्दों को लेकर भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक सुरेश रावत, जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतडा समेत बीजेपी नेताओं के शिष्टमंडल ने सोमवार को कलक्टर विश्मोहन शर्मा से मुलाकात कर उन्हें अवगत कराया।
बीजेपी नेताओं ने कलक्टर को बताया कि कोरोना संकट के बीच राहत कार्यों में किए जा रहे राजनीतिक भेदभाव पर लगाम कसी जाए साथ ही काम पर लगे को भीषण गर्मी से बचाने के लिए समय परिवर्तन आवश्यक है। लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए प्रवासी व विशेष श्रेणी के व्यक्तियों के जीविकोर्पाजन के लिए आवश्यक है कि उन्हें भूखा न रहने दिया जाए। इसके लिए दो माह के राशन वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जनप्रतिनिधियों का कहना था कि अजमेर विकास प्राधिकरण से मंजूरी लेकर पुष्कर सरोवर में 10 ट्यूबवैल शीघ्र खुदवाए जाएं। इन दिनों जिले में टिड्डीदल से जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं उन सभी को नुकसान के अनुरूप मुआवजा मिले।
जिला मीडिया प्रभारी विक्रम सिंह ने अवगत कराया कि राज्य सरकार राहत कार्यों का राजनीतिकरण कर भेदभाव कर रही है। केकडी विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय मंत्री के द्वारा मनरेगा श्रमिकों को कार्य दिलवाने में राजनीति भेदभाव से आमजन में भारी आक्रोश व्याप्त है। गर्मी में मनरेगा का समय सुबह 6 बजे से 11 बजे करने से श्रमिकों विशेषकर महिला श्रमिकों एवं उनके साथ उनके छोटे बच्चों को राहत मिलेगी।
कोरोना महामारी के समय पडौसी देश पाकिस्तान से जिस प्रकार टिड्डी दल ने हमला किया है इससे किसानों की फसलों को नुकसाल पहुंचा है। ऐसे किसानों की राज्य सरकार ने अभी तक कोई खैर खबर नहीं ली है। फिलहाल आवश्यक हो गया है कि जिस क्षेत्र में भी टिड्डी दल का आक्रमण हो वहां ट्रेक्टरों व ड्रोन की मदद से दवाओं का छिडकाव कर टिड्डी दल का सफाया किया जाए। आगामी कुछ दिनों में मानसून आने वाला है और अभी तक बाजार में खाद व बीज उपल्बध नहीं हुआ। अनुदानित दवाएं भी नहीं मिलने से किसान वर्ग परेशान है।
एक तरफ जिले में भीषण गर्मी का प्रकोप है वहीं दूसरी ओर गांव व शहर में पेयजल व्यवस्था चरमाराई रही है। पीने के पानी के लिए लंबी लंबी लाइन में लगना पड रहा है। गर्मी के लिए कंटीजेंसी प्लान दूर तक नजर आ रहा। बीसलपुर बांध में पर्याप्त पानी होने के बाद भी वितरण व्यवस्था में गडबडी व अनियमितता जगहाजिर है। पेयजल वितरण का कोई समय तय नहीं होने, कम प्रेशर की शिकायत आम है। गर्मी में बिजली की आंख मिचौनी, गांवों में ट्रिपिंग की समस्या, बिजली कटौती की मार से आम उपभोक्ता तंग आ चुका है।
जिले में कानून व्यवस्था बेकाबू होती जा रही है। केकडी के ललाई गांव निवासी 15 साल के हास्टल में रहने वाले बच्चे का अपहरण हुए तीन माह बीत चुके हैं लेकिन पुलिस अब तक उसका सुराग नहीं लगा पाई।
विधायेक सुरेश रावत ने कलक्टर से पुष्कर सरोवर में पानी सप्लाई के लिए 10 ट्यूबवैल खुदवाए जाने के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण को तत्काल मंजूरी देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी तरफ चिकित्सा व्यवस्था चरमरा रही है। अजमेर के जेएलएन अस्पताल में लगी कोरोना सैम्पल जांच मशीन की क्षमता 2000 प्रतिदिन होने के बाद इसकी आधी क्षमता का उपयोग भी नहीं हो रहा।
कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन से बेरोजगार हुए लोगों व जरूरतमंदों को भूख से बचाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से दो माह का राशन निशुल्क दिया जाना है। ये सामग्री 12 से 17 मई जून के बीच वितरण करने के आदेश जारी होने के बावजूद प्रशासन की ओर से अब तक कोई तैयारी नहीं की गई है। ऐसे में गांवों के पात्र प्रवासियों को अपनी ग्राम पंचायत मुख्यालय की उचित मूल्य की दुकान पर यह सामग्री मिलना कैसे संभव हो सकेगा। कुछ ग्राम पंचायत मुख्यालय 10 से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं अत: प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर राशन सामग्री उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाए।
शिष्टमंडल ने स्पष्ट कहा कि समय रहते बिगडी व्यवस्थाओं को सुधारने पर प्रशासन गंभीरता नहीं दिखाएगा तो हालात बेकाबू हो जाएंगे जिससे जनआक्रोश की स्थित बन सकती है। जनहित में इन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो भारतीय जनता पार्टी भी आंदोलनात्क कदम उठा सकती है।