अजमेर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की ओर से बढ़ते अपराध के खिलाफ प्रदेशव्यापी हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत अजमेर शहर भाजपा की ओर से प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उडीं।
डाक बंगले से हाथों पर काली पट्टी बांधकर जूलूस के रूप में आए भाजपाईयों ने प्रदर्शन कर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को राज्यपाल कलराज मिश्र के नाम का ज्ञापन सौंपा,
जिसमें मांग की गई कि प्रदेश में बढ़ते अपराध एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली बीस माह पुरानी कांग्रेस सरकार के पास राज्य में शासन करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रहा है।
अजमेर शहर अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाडा, सांसद भागीरथ चौधरी, पूर्व मंत्री एवं विधायक वासुदेव देवनानी, प्रदेश मंत्री एवं पूर्व जिला प्रमुख वंदना नोगिया सहित अनेक भाजपाइयों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य में दलित महिलाओं एवं बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म एवं सामूहिक दुष्कर्म जैसे मामलों में गहलोत सरकार गंभीर नहीं है। राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है। आमजन त्रस्त है और जिस तरह से घटनाएं बढ़ रही है ये सब सरकार के नियंत्रणहीन होता जा रहा है जिससे आमजन का सरकार से विश्वास खत्म हो गया है।
ज्ञापन में कहा गया कि राजस्थान में दिसंबर 2018 में अस्तित्व में आई कांग्रेस की गहलोत सरकार के चलते अगस्त 2020 तक भारतीय दंड संहिता के तहत 4 लाख 35 हजार आपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
गंभीर बात यह है कि दलितों के विरुद्ध 11 हजार 200 मुकदमे हत्या, हत्या के प्रयास, बच्चियों एवं महिलाओं के प्रति बलात्कार, छेड़छाड़, यौन शोषण, आदि के दर्ज हुए हैं जो सरकार के सुशासन, संवेदनशीलता, एवं जवाबदेही प्रशासन देने के लिए कांग्रेस सरकार की कटिबद्धता की पोल खोल रहे हैं।