अजमेर। राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस सरकार के वर्तमान बजट में अजमेर के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है।
अजमेर उत्तर क्षेत्र से विधायक देवनानी आज अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस बार का बजट भी बजट घोषणाओं का बजट है। जिले में बजट किशनगढ़, केकड़ी, मसूदा के बीच सीमित होकर रह गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत समानता की बात करते हैं लेकिन वर्तमान बजट में अजमेर की घोर उपेक्षा हुई है। यहां तक की पिछली बार की घोषणाएं भी एक भी पूरी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि पिछली बार की घोषणाओं में अजमेर के लिए पब्लिक हेल्थ कॉलेज, 25 करोड़ की लागत वाला ट्रोमा सेंटर, राजस्थान राज्य आयुष अनुसंधान केंद्र, मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम, आयुर्वेद, योग, नैचुरलपैथी एकीकृत महाविद्यालय तथा हॉस्पिटल मैनेजमेंट कैडर जैसी घोषणाएं हवा हवाई होकर रह गई। उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से सवाल किया कि अजमेर सौगातों की बौछारों का क्या हुआ। इनमें से एक भी क्यों नहीं क्रियान्वित हो पाई।
देवनानी ने देश में सर्वाधिक बेरोजगारी राजस्थान में बताते हुए इसे 27 प्रतिशत बताया। बजट में एक लाख नौकरी देने की बात कही गई। 61 हजार नौकरी किन्हीं कारणों से भाजपा के समय में अटकी हुई थी। कांग्रेस ने अपने पिछले तीन साल के राज में केवल 39 हजार नौकरी देकर एक हजार नौकरी का श्रेय लेना चाहा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के बेरोजगारों को छला जा रहा है उन्हें धोखा दिया जा रहा है। यहां तक की संविदाकर्मियों को भी स्थाई न करके उनके साथ छलावा हो रहा है।
उन्होंने गहलोत के कृषि बजट को अलग से पेश करने पर भी चुटकी ली और कहा कि यहां भी किसानों को अंधेरे में रख धोखा किया गया है। पिछली बार 13 हजार 971 करोड़ का कृषि बजट था और इस बार 13 हजार 470 करोड़ रुपए का कृषि बजट है यानी पहले की तुलना में बजट 500 करोड़ रुपए कम है फिर भी झूठी वाहवाही लूटी जा रही है।
उन्होंने कहा कि गहलोत एवं डोटासरा केंद्र पर अनुदान नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं जबकि वास्तविकता यह है कि भाजपा राज में केंद्र से 20540 करोड़ का अनुदान मिला जबकि कांग्रेस सरकार का 45387 करोड़ का अनुदान मिल रहा है यानी दोगुने से ज्यादा अनुदान लेकर भी लोगों को भ्रमित करने का काम कांग्रेस सरकार कर रही है।
देवनानी ने बजट में बिजली फ्री अथवा छूट के मुद्दे पर कहा कि सरकार राज्य भर में 3575 करोड़ के स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है। मीटर किराया उपभोक्ताओं से ही वसूला जाएगा। ऐसे में फ्री बिजली अथवा छूट कम करना एक जेब में देना और दूसरी जेब से निकालने के सामान है।
सरकार द्वारा बजट में 2004 से पेंशन बहाली के मुद्दे पर देवनानी ने कहा कि तब से अब तक 18 वर्षों में कर्मचारियों का पैसा सरकार के पास जमा है लेकिन इस जमा राशि पर सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं दी हैं।