अजमेर। सामाजिक समरस्ता के वाहक संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की 128वीं जयन्ति के अवसर पर भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ने अम्बेडकर सर्किल स्थित स्मारक पर बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की।
इस अवसर पर चौधरी ने कहा कि बाबा साहब के सिद्धान्तों की वजह से आज भारत देश में विविधता होने के बावजूद भी सामाजिक समरस्ता के भाव बना हुआ है। उनकी दूर दृष्टि संविधान में झलकती है और देश एकता के सूत्र में बंधा है। भाजपा 36 कौमों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। मोदी सरकार ने ही बाबा साहब के जीवन से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ घोषित कर उन्हें सही मायने में सम्मान देने का काम किया है।
इस मौके पर सभी भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया साथ ही संविधान द्वारा प्राप्त मताधिकार का शत-प्रतिशत प्रयोग करने की शपथ ली।
भाजपा शहर जिलाध्यक्ष शंकर हेड़ा ने कहा कि बाबा साहब का जीवन संघर्ष और सफलता की अदभुत मिसाल है, उनके समान जीवन दर्शन शायद ही कहीं और देखने को मिले। वे ताउम्र दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते रहे। उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया।
उन्हीं के बताए मार्ग के अनुरूप समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की बहार पहुंचाने के लिए भाजपा सरकारें अंत्योदय कार्यक्रम के आधार पर काम कर रही हैं। अंत्योदय का मतलब है कि पंक्ति में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचना। बाबा साहब ने जिस विकसित भारत का सपना देखा था, वास्तव में भाजपा की सरकारें उनके सपनों का भारत बनाने में जुटी हैं।
चौधरी ने कहा कि हम सभी को बाबा साहेब के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में समरसता बनाए रखने के लिए कार्य करना चाहिए। बाबा साहब ने कहा था कि मताधिकार संविधान द्वारा प्राप्त ब्रह्मास्त्र से भी बड़ा हथियार है। हमे इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए। बाबा साहब संविधान संविधान निर्माता रहे इसके बावजूद उनकी कोई तस्वीर संसद के केंद्रीय कक्ष में नहीं थी। कांग्रेस ने दीवार पर जगह नहीं होने का हवाला देकर तस्वीर लगाने की मांग को हमेशा खारिज किया।
साल 1989 में जब भारतीय जनता पार्टी की समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा सरकार बनी तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने पहल कर संसद के केंद्रीय कक्ष में बाबा साहेब का चित्र शामिल कराया था।
दक्षिण विधायक अनिता भदेल ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के खिलाफ बाबा साहेब ने काफी मुखर होकर अपने विचार रखे थे। हालांकि पंडित नेहरू ने बाबा साहब की एक नहीं चलने दी और देश पर धारा 370 जबरन थोप दी। बाबा साहेब के विचारों को इस तरह से खारिज कर कांग्रेस ने देश के नाम एक ऐसी समस्या कर दी जो किसी भी हालत में नहीं होनी चाहिए थी। जिस दिन यह अनुच्छेद बहस के लिए आया उस दिन बाबा साहब ने इस बहस में हिस्सा नहीं लिया और ना ही उन्होंने इस अनुच्छेद से संबंधित किसी भी सवाल का जवाब दिया।
पंडित नेहरू तो विशेष तौर पर बाबा साहब को अपना प्रतिद्वंद्वी मानते थे, यही कारण था कि कांग्रेस ने बाबा साहेब के लिए कोई राष्ट्रीय स्मारक नहीं बनने दिया। दूसरी ओर भाजपा के शासन काल में बाबा साहेब आंबेडकर को उचित सम्मान दिया गया। भाजपा की सरकार ने उनके जन्म स्थान महू में बाबा साहेब का राष्ट्रीय स्मारक बनवाया। इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने महू जाकर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर विधायक वासुदेव देवनानी, देहात अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत, पूर्व मंत्री श्रीकिशन सोनगरा, भाजपा एससी मोर्चा प्रदेश मंत्री हीरा लाल जीनगर, एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष रमेश मेघवाल, शहर महामंत्री आनन्द सिंह राजावत, रमेश सोनी, संजीव नागर, धर्मपाल जाटव, मोहन राजोरिया, शहर आईटी संयोजक हेमन्त सुनारिवाल, भवानी जैदिया, दयाल राम सिवासिया, रचित कच्छावा सहित भाजपा नेता मौजूद रहे।